सोनभद्र : राइफल नहीं खोल सके पुलिसकर्मी तो मिली सजा, नाराज दुद्धी सीओ ने लगवाए थाने के छह चक्कर

उत्तर प्रदेश के नक्सल प्रभावित सोनभद्र जिले में असामाजिक तत्वों से किसी भी समय लोहा लेने के लिए तैयार रहने वाली पुलिस के कई सिपाही असलहा चलाना ही नहीं जानते। उन्हें न तो राइफल खोलने-बंद करने की सही जानकारी है और न ही रबर बुलेट दागने की। गत सोमवार को कुछ ऐसा ही हुआ जब दुद्धी सीओ के निरीक्षण में इसकी पोल खुल गई। 

 

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के नक्सल प्रभावित सोनभद्र जिले में असामाजिक तत्वों से किसी भी समय लोहा लेने के लिए तैयार रहने वाली पुलिस के कई सिपाही असलहा चलाना ही नहीं जानते। उन्हें न तो राइफल खोलने-बंद करने की सही जानकारी है और न ही रबर बुलेट दागने की। गत सोमवार को कुछ ऐसा ही हुआ जब दुद्धी सीओ के निरीक्षण में इसकी पोल खुल गई। 

दरअसल, तिमाही निरीक्षण पर कोतवाली पहुंचे सीओ ने वहां मौजूद सिपाहियों से इस बारे में पूछा तो वह सही जवाब ही नहीं दे पाए। एक-दो नहीं, बल्कि छह सिपाही जांच में फेल हुए हैं। बतौर सजा सीओ ने सभी को हाथों में राइफल उठा कर कोतवाली के छह चक्कर लगवाए। फिर असलहा चलाने की बारीकियां बताईं।

सीओ रामाशीष यादव सोमवार को दुद्धी कोतवाली के निरीक्षण पर पहुंचे थे। गेट से लेकर परिसर और कार्यालय की साफ-सफाई की गई थी। अभिलेख भी व्यवस्थित ढंग से सजाकर रखे थे। लिहाजा सीओ ने इसकी सराहना करते हुए पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई।

परिसर में मौजूद सिपाहियों से असलहा चलाने, बुलेट लोड व फायर करने के बारे में पूछा। आंसू गैस के गोले व रबर बुलेट चलाने की जानकारी ली। एक-एक कर छह पुलिसकर्मी सीओ के सवाल में उलझ गए। कोई असलहा नहीं खोल सका तो कोई बुलेट दागने से पहले सावधानी से अनजान था। इसे गंभीरता से लेते हुए सीओ ने कड़ी नाराजगी जताई। 

फटकारते हुए सिपाहियों को हाथों में राइफल उठाकर कोतवाली परिसर का छह चक्कर लगवाया। पुलिसकर्मियों के इस तरह कोतवाली का चक्कर लगाते देख लोग हैरान थे। चक्कर पूरा कर पुलिसकर्मी लौटे तो उन्हें सीओ ने असलहा चलाने का अभ्यास कराया।

निरीक्षण के दौरान प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार सिंह को मुकदमों की लंबित विवेचना को शीघ्र पूरा किए जाने, अपराधियों पर नकेल कसने, महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
  

असलहा चलाने में पुलिसकर्मियों के विफल होने की एक वजह लंबे समय से प्रशिक्षण न होना भी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद असलहा चलाने में पुलिसकर्मियों की विफलता सुरक्षा पर चूक को दर्शा रही है। 

इस बाबत सीओ रामाशीष यादव का कहना था कि समय-समय पर पुलिस लाइन बुलाकर प्रशिक्षण दिया जाता है। सिपाहियों को बारीकी बताई गई है। आगे भी ऐसे लोगों को चिह्नित कर जानकारी दी जाएगी।