पेगासस की कहानी भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश : आईटी मंत्री

 
नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। पेगासस स्नूपगेट की वजह से संसद में हंगामे के बीच केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि जासूसी की खबर भारत के लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश थी।

राज्यसभा को संबोधित करते हुए, मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र को बाधित करने के लिए थी।

उन्होंने कहा, संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले पेगासस के प्रकाशित होने की सनसनीखेज कहानी संयोग नहीं हो सकती।

मंत्री ने कहा, 18 जुलाई को एक वेब पोर्टल द्वारा की गई पेगासस पर यह प्रेस स्टोरी भारतीय लोकतंत्र और इसकी अच्छी तरह से स्थापित संस्थानों को बदनाम करने का प्रयास करती है।

उन्होंने यह भी कहा कि व्हाट्सएप पर पेगासस के उपयोग के संबंध में अतीत में इसी तरह के दावे किए गए थे, उन रिपोटरें का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सर्वोच्च न्यायालय सहित सभी पक्षों द्वारा स्पष्ट रूप से इनकार किया गया था।

राजनेताओं की कथित बड़े पैमाने पर जासूसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच वैष्णव जब पेगासस परियोजना पर बयान पढ़ रहे थे, तब तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मंत्री के हाथ से रिपोर्ट छीन ली और राज्यसभा के पटल पर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए।

पत्रकार से बीजेपी सांसद बने स्वपन दासगुप्ता ने कहा, तृणमूल के कुछ सांसदों ने मंत्री के हाथ से कागज लिया और उसे फाड़ दिया। यह अस्वीकार्य है।

तृणमूल सांसद शांतनु सेन को राष्ट्रीय टेलीविजन पर मंत्री के हाथ से रिपोर्ट छीनते, फाड़ते और फिर कटे हुए टुकड़ों को हवा में फेंकते देखा गया।

लगातार हंगामे के बीच उच्च सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

इससे पहले भी मंत्री ने कहा था कि रिपोर्ट भारत को बदनाम करने की कोशिश है।

--आईएएनएस

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