गुरुग्राम : मानसून में जलभराव से निपटने के लिए अधिकारियों ने कसी कमर
जीएमडीए के अधिकारियों ने कहा, 2018-19 में हमने 79 ऐसे स्थानों की पहचान की थी, जहां जलभराव की समस्या थी और उस पर काम करने के बाद अब इसे घटाकर 35 कर दिया गया है। केवल 7 ऐसे स्थानों की पहचान की गई है, जहां बारिश के पानी को डिस्चार्ज करने में दो घंटे से अधिक का समय लगा।
अधिकारियों ने कहा कि वे पानी के पंप स्थापित करेंगे और प्रमुख बिंदुओं पर बारिश के पानी को डिस्चार्ज करने के लिए एक समर्पित टीम तैनात करेंगे।
एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम में नाला पूर्व से पश्चिम की ओर बहता है। तीन मुख्य नाले हैं, जो बादशाहपुर नाले में निकलते हैं। ये तीनों नाले फिर नजफगढ़ की ओर जाते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि अरावली क्षेत्र में तालाबों और चेक डैम की मरम्मत की जा रही है। साथ ही प्राकृतिक नालों की सफाई की जा रही है ताकि अरावली क्षेत्र का पानी शहर की सड़कों पर आने से रोका जा सके।
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा मानसून के दौरान नरसिंहपुर, सुभाष चौक, सेक्टर-46, गोल्फ कोर्स रोड, एमजी रोड, सेक्टर-4, लक्ष्मण-विहार और सेक्टर-9ए क्षेत्र, बसई रेलवे फ्लाईओवर के पास और कुछ अन्यस्थानों पर जीएमडीए, नगर निकाय और ट्रैफिक पुलिस की टीमें मशीनरी के साथ तैनात हैं।
एमसीजी आयुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने आईएएनएस को बताया, सभी पानी के प्रबंधन के लिए, बाधाओं को साफ किया जा रहा है ताकि शहर के निवासियों को मानसून में बारिश के पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। मानसून के मौसम के दौरान जिले में अन्य संबंधित विभागों के साथ कई एमसीजी कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
--आईएएनएस