बनारस के इन मार्केट्स से आप भी हर तरह के बजट में कर सकते हैं खरीददारी

बनारस की तंग गलियों में घूमने-फिरने का भी अलग ही आनंद है। जो आपको अलग ही एडवेंचर का अहसास कराएंगी। आप सोच भी नहीं सकते इन छोटी-छोटी गलियों में खाने-पीने से लेकर कपड़ों के बड़े-बड़े शोरूम तक समाए हुए हैं। एक बात तो तय है कि एक बार इन गलियों में घुसने के बाद आप खाली हाथ लौट ही नहीं सकते, तो बनारस जाने का जब भी प्लान बनाएं यहां के इन बाजारों का जायजा लेना न भूलें।  

 

बनारस की तंग गलियों में घूमने-फिरने का भी अलग ही आनंद है। जो आपको अलग ही एडवेंचर का अहसास कराएंगी। आप सोच भी नहीं सकते इन छोटी-छोटी गलियों में खाने-पीने से लेकर कपड़ों के बड़े-बड़े शोरूम तक समाए हुए हैं। एक बात तो तय है कि एक बार इन गलियों में घुसने के बाद आप खाली हाथ लौट ही नहीं सकते, तो बनारस जाने का जब भी प्लान बनाएं यहां के इन बाजारों का जायजा लेना न भूलें।  


किताबों का रखते हैं शौक

अगर आप साहित्य को जानने का शौक रखते हैं, तो किताबों से अच्छा कोई मित्र हो ही नहीं सकता। शहर में ये एकमात्र ऐसी जगह है जहां से मशहूर राइटर्स की किताबें और नॉवेल्स खरीद सकते हैं। अगर आप किसी खास किताब को ढूंढ़ रहे हैं जो दुकान पर मौजूद नहीं तो यहां उसे ऑर्डर कर आपकी मनचाही जगह कुरियर की भी व्यवस्था है। इसके साथ ही गोदौलिया की सिटी बुक शॉप भी बहुत ही मशहूर दुकान है।    

बनारस की पहचान बनारसी साड़ियां

विरासत ही नहीं, साड़ियों से भी अपनी अलग पहचान कायम करता है बनारस। बनारसी साड़ियों की लोकप्रियता देश तक ही सीमित नहीं, विदेशों तक है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक की हस्तियां यहां के बाजारों में शॉपिंग करती हुई देखी जा सकती है। शोरूम में जहां बनारसी साड़ियों की ढेरों वेराइटी देखने को मिलती है। वहीं, आप फैक्ट्री में इन्हें बनते हुए भी देख सकते हैं। गोदौलिया मार्केट में जाहरलाल और पन्नालाल की सबसे पुरानी साड़ियों की दुकान है। इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर के नज़दीक मनिकर्णिका घाट के पास पांडे साड़ी इंड्रस्टी से भी गोल्डेन, सिल्वर ब्रोकेड वर्क, प्योर सिल्क, ऑर्गेंजा और जॉर्जेट की खूबसूरत और मनपसंद साड़ियों की खरीददारी की जा सकती है। यहां सिल्क साड़ी की क्वालिटी को परखने के लिए रिंग टेस्ट भी किया जाता है, जो ग्राहकों को लुभाने के साथ ही विश्वनीयता को बनाए रखने की अच्छी पहल है। 


हाथ से बनाए जाते हैं ज्यादातर वाद्य यंत्र 

बनारस की गलियों में अगर आपको सितार, शहनाई और तबले की थाप सुनने को मिले तो आश्चर्य में न पड़े क्योंकि वाराणसी जाने-माने संगीतज्ञों बिस्मिला खान और पंडित रवि शंकर का घर है, जिन्होंने संगीत को एक नया आयाम ही नहीं दिया, बल्कि विदेशों में भी अपनी इस कला का प्रचार-प्रसार किया जिसकी बदौलत दूर-दूर से लोग यहां संगीत और वाद्य यंत्रों को सीखने आते हैं। यहां वाद्य यंत्रों को बनाने के लिए मशीनों से ज्यादा हाथ का इस्तेमाल किया जाता है। बंगाली तोला के अलावा और भी कई दुकानें हैं जहां से आप इन म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स की खरीददारी कर सकते हैं। 


पीतल के लिए भी मशहूर है बनारस

वाराणसी आकर आप बेहतरीन क्वालिटी के पीतल और तांबे के प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं, जिनका ज्यादातर इस्तेमाल मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए किया जाता है। कमंडल और पीतल के लोटे का इस्तेमाल साधु-संतों को करते हुए देखा जा सकता है। मंदिरों के आसपास की दुकानों पर इस तरह के आइटम्स की शॉपिंग भी कर सकते हैं। 


खूबसूरत और यादगार स्मृति चिह्न

बाकी जगहों की तुलना में बनारस आज भी काफी सस्ता और अच्छा है। जहां दूसरी जगहों पर शॉपिंग करना जेब पर भारी पड़ता है वहीं बनारस में आप कम पैसों में बहुत सारी शॉपिंग कर सकते हैं। यहां की सड़कों पर मिलने वाले स्टैचू, टाई एंड डाई प्रोडक्ट्स, स्कॉर्फ, स्कर्ट्स, पैंट जैसी चीजें बजट में अवेलेबल हैं। जिन्हें आप गिफ्ट भी दे सकते हैं और इससे अपना घर भी सजा सकते हैं।