कहां है बजरंगबली की ऊंची सफेद रंग की प्रतिमा, जानें यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी

हिंदू धर्म में हनुमान जी सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है। उन्हें भगवान राम के सबसे बड़े भक्त और परम वीर योद्धा के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का उनके प्रति स्नेह, उनका भगवान राम के प्रति उनकी निस्वार्थ भक्ति और सेवा है। भक्त उनके श्री राम के प्रति स्नेह और साहस के लिए पूजते हैं। हनुमान जी को असीम शक्ति और साहस का प्रतीक भी माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि हनुमान जी उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं।

 

हिंदू धर्म में हनुमान जी सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है। उन्हें भगवान राम के सबसे बड़े भक्त और परम वीर योद्धा के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का उनके प्रति स्नेह, उनका भगवान राम के प्रति उनकी निस्वार्थ भक्ति और सेवा है। भक्त उनके श्री राम के प्रति स्नेह और साहस के लिए पूजते हैं। हनुमान जी को असीम शक्ति और साहस का प्रतीक भी माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि हनुमान जी उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं।


ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के सभी प्रकार के संकट, बाधाएं और बुराइयों से रक्षा होती है। हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को शुभ माना जाता है। बजरंगबली के भक्त इस दिन मंदिर जाते हैं, व्रत रखते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। प्रसाद चढ़ाने के बाद वह लोगों को भी प्रसाद बांटते हैं। अगर आप भी हनुमान जी के भक्त हैं और भगवान के दर्शन के लिए किसी खास मंदिर में जाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बजरंगबली की ऊंची सफेद प्रतिमा वाले मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे।

परितल अंजनेय मंदिर की खासियत

परितला अंजनेय मंदिर भारत में हुनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है।इसकी ऊंचाई लगभग 41 मीटर (135 फीट) है।मूर्ति को इस तरह से बनाया गया है कि यह हनुमान जी के शक्ति और पराक्रम का प्रतीक बनती है।यहां हनुमान जी अपने विशाल गदे के साथ खड़े हैं।यह मूर्ति एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित है, जो भक्तों को दूर से भी दिखाई देती है।इस जगह की सबसे खास बात यह है कि मूर्ति को एक विशाल खुले स्थान में बनाया गया है, जो प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी हुई है।इस प्रतिमा को साल 2003 में स्थापित किया गया था।इसे दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा माना जाता है।यह फेमस हनुमान मंदिरमें से एक है।

कहां स्थित है परितला अंजनेय मंदिर

यह मंदिर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आपको एनएच-65 के रास्ते जाना होगा। मंदिर एनएच-65 पर परिताला गांव में स्थित। मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के परितला गांव में है। विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश का एक प्रमुख शहर है, जो इस मंदिर के सबसे पास है। यह भारत के सबसे विशाल प्रतिमा वाले हनुमान मंदिर में से एक है।

कैसे पहुंचे दर्शन करने

वायु मार्ग- अगर आप फ्लाइट से आ रहे हैं, तो आपको विजयवाड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तक के लिए टिकट लेनी होगी। इसके बाद आप हवाई अड्डे से आप टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग- विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है और यहां से लगभग हर बड़े शहर से ट्रेन आती हैं। स्टेशन से मंदिर तक पहुंचना आसान है।