ये है वाराणसी की सबसे प्राचीन जगह, क्या आप घूमने गए 

वाराणसी अपनी पुरानी विरासत और संस्कृति के लिए जाना जाता है। ये ऐसी जगह है, जहां न सिर्फ भारत के लोग बल्कि विदेशी लोग भी घूमने आते हैं। वाराणसी को आध्यात्मिक शहर भी कहा जाता है। इसका नाम देश के लोकप्रिय पर्यटनों में लिया जाता है। बता दें कि ये जगह न सिर्फ हिंदुओं बल्कि बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी बेहद फेमस है। बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल सारनाथ यहीं है। यहां बौद्ध धर्म से जुड़े तमाम तरह के स्तूप, प्राचीन स्थलों, संग्रहालयों और खूबसूरत मंदिर देखने को मिल जाएंगे। इसके ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के चलते इस जगह का महत्व और भी बढ़ गया है। ये बौद्ध सर्किट में चार प्रमुख स्थलों का हिस्सा है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी रोचक बातों के बारे में -

 

वाराणसी अपनी पुरानी विरासत और संस्कृति के लिए जाना जाता है। ये ऐसी जगह है, जहां न सिर्फ भारत के लोग बल्कि विदेशी लोग भी घूमने आते हैं। वाराणसी को आध्यात्मिक शहर भी कहा जाता है। इसका नाम देश के लोकप्रिय पर्यटनों में लिया जाता है। बता दें कि ये जगह न सिर्फ हिंदुओं बल्कि बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी बेहद फेमस है। बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल सारनाथ यहीं है। यहां बौद्ध धर्म से जुड़े तमाम तरह के स्तूप, प्राचीन स्थलों, संग्रहालयों और खूबसूरत मंदिर देखने को मिल जाएंगे। इसके ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के चलते इस जगह का महत्व और भी बढ़ गया है। ये बौद्ध सर्किट में चार प्रमुख स्थलों का हिस्सा है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी रोचक बातों के बारे में -

क्या है इतिहास
सारनाथ को इतिहास थोड़ा उथल-पुथल वाला रहा है। लेकिन सम्राट अशोक ने यहां अपनी रुचि दिखाई और सारनाथ में फिर से बड़े-बड़े स्मारकों का निर्माण करवाया। इसके बाद से ही लोगों के बीच इस जगह को लेकर आकर्षण बढ़ा था। बता दें कि इस पर कई विदेशाी आक्रमणकारियों ने लंबे समय तक हमला किया। हालांकि, अंग्रजों के शासन में इसके ऐतिहासिक महत्त्व को देखते हुए फिर से संरक्षित करने का फैसला किया गया। 

चौखंडी स्तूप
ये सारनाथ की सबसे जरूरी जगहों में से एक है। यहां कई सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। माना जाता है कि यही वो जगह है जहां पर भगवान बुद्ध अपने पांच तपस्वियों से मिले थे। फिर बाद में इस जगह चौखंडी स्तूप का निर्माण किया गया। ये जगह काफी शांत है। शांति की खोज में जुटे लोगों अक्सर इस जगह घूमने आते हैं। 

अशोक स्तंभ
बता दें कि भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ सारनाथ से लिया गया है। इस जगह पर आकर धम्मेक स्तूप के साथ इस 50 मीटर लम्बे स्तंभ को आज भी देखा जा सकता है। बौद्ध धर्म में अशोक स्तंभ का बेहद महत्व है। अशोक स्तंभ के अलावा तिब्बती मंदिर और थाई मंदिर जैसी तमाम घूमने वाली जगहें हैं।