कोयम्बटूर पर्यटन को आकर्षक बनाने का काम करती हैं ये जगहें, करें इनका दीदार
जब भी कभी पर्यटन की बात आती हैं, तो दक्षिण भारत का जिक्र जरूर किया जाता हैं। आज हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के प्रमुख शहर कोयम्बटूर की जो तेज़ विकासशील आर्थिक केंद्र होने के साथ ही दक्षिण भारत के पर्यटन को आकर्षक बनाने का काम करता हैं। इसे दक्षिण भारत का मैनचेस्टर भी कहा जाता है। पश्चिमी घाटों से घिरा होने के कारण यह शहर वनस्पतियों और जीवों और कई अन्य प्राकृतिक आकर्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला का घर भी है। यहां का मौसम पूरे साल खुशनुमा बना रहता है जिसके कारण कोयम्बटूर पर्यटन स्थल पर हमेशा पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कोयम्बटूर की आकर्षक जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
जब भी कभी पर्यटन की बात आती हैं, तो दक्षिण भारत का जिक्र जरूर किया जाता हैं। आज हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के प्रमुख शहर कोयम्बटूर की जो तेज़ विकासशील आर्थिक केंद्र होने के साथ ही दक्षिण भारत के पर्यटन को आकर्षक बनाने का काम करता हैं। इसे दक्षिण भारत का मैनचेस्टर भी कहा जाता है। पश्चिमी घाटों से घिरा होने के कारण यह शहर वनस्पतियों और जीवों और कई अन्य प्राकृतिक आकर्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला का घर भी है। यहां का मौसम पूरे साल खुशनुमा बना रहता है जिसके कारण कोयम्बटूर पर्यटन स्थल पर हमेशा पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कोयम्बटूर की आकर्षक जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
मरुधमलाई हिल मंदिर
पश्चिमी घाट पर लगभग 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित, मरुधमलाई मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है जहां से आपको पहाड़ी के खूबसूरत नजारे देखने को मिल सकते हैं। मंदिर की खूबसूरत सिर्फ यही नहीं थमती, मंदिर की द्रविड़ वास्तुकला भी देखने लायक है। भगवान मुरुगन या कार्तिकेय मंदिर के मुख्य देवता हैं। इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि इसमें औषधीय जड़ी-बूटियां उगाई जाती हैं जिनका उपयोग आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए किया जाता है।
आदियोगी शिव प्रतिमा
कोयंबटूर में प्रसिद्ध आदियोगी शिव की मूर्ति कोयंबटूर की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह प्रतिमा 112 फीट की ऊंचाई पर है जो इसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाती है। वेल्लिंगिरी पर्वत की हरी भरी तलहटी के बीच स्थित यह मूर्ति भी हरे भरे खेतों से घिरी हुई है। मूर्ति हिंदू देवता भगवान शिव की है, और यह स्थान भारत और विदेशों में शैवों द्वारा मनाया जाता है। प्रतिमा को पूरी तरह से 500 टन स्टील से तराशा गया है। आदियोगी नाम का अर्थ है योग का प्रथम कर्ता। इसलिए, यह कोयंबटूर भ्रमण स्थल योग की प्राचीन कला को भी श्रद्धांजलि देता है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक- सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा डिजाइन की गई, प्रतिमा का उद्घाटन 24 फरवरी, 2017 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
कोंडट्टम
कोयंबटूर के शीर्ष पर्यटक आकर्षणों में से एक, यह पार्क अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए मजेदार जगह मानी जाती है। कोवई कोंडट्टम एक मनोरंजन पार्क है जो अपने कई पानी और राइड्स, डैशिंग कारों, वेव पूल, एक्वा डांस, रॉक क्लाइंबिंग, वीडियो पार्लर इत्यादि के लिए जाना जाता है। इस पार्क के अन्य लोकप्रिय आकर्षणों में जॉइंट व्हील, समुद्री डाकू जहाज, पानी की स्लाइड, मेरी-गो-राउंड, फूड स्टॉल, वाटर फॉल्स आदि शामिल हैं। इस मनोरंजन पार्क में आप घूमते-घूमते थक जाएंगे लेकिन यहां की देखने लायक चीजें खत्म नहीं होंगी।
वैदेही फाल्स
कोयम्बटूर से वैदेही फाल्स लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात कोयम्बटूर की सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। वैदेही जलप्रपात को अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस जलप्रपात की सुंदरता के कारण हर दिन बहुत मात्रा में पर्यटक यहां घूमने आते हैं। लोग इस जगह की शांति का भरपूर आंनद उठाते है। इस जलप्रपात पर जाकर अपनी यात्रा को आप यादगर बना सकते है।
श्री अय्यप्पन मंदिर
कोयंबटूर में श्री अय्यप्पन मंदिर अपनी समृद्ध सुंदरता के लिए कोयंबटूर के पास के पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर केरल के सबरीमाला मंदिर से मिलता जुलता है। कोयंबटूर में लोग मूल मंदिर में ही लंबी दूरी तय करने के बजाय यहां प्रार्थना कर सकते हैं। भक्त मंदिर को दूसरा सबरीमाला मंदिर मानते हैं और इस स्थान पर अक्सर आते हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिर की शैली भी मूल मंदिर की शैली को दर्शाती है। पूजा की विधि सबरीमाला मंदिर के फैशन में भी देखी जाती है। यदि आपके पास केरल की यात्रा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है, तो आपको यहां श्री अय्यप्पन मंदिर जाना चाहिए।
पाटेश्वरर मंदिर
इस मंदिर को अरुलमिगु पटेश्वरेश्वर स्वामी मंदि के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को आमतौर पर भगवान नटराज को समर्पित मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यहां की प्राचीन कलाकृति, पेंटिंग, मूर्तियां और नक्काशी कला प्रेमियों को भी आकर्षित करती हैं। अरुलमिगु पटेश्वरेश्वर स्वामी मंदिर भी कोयंबटूर के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो आपको कामधेनु द्वारा दी गई भगवान पाटेश्वर की एक राजसी मूर्ति देखने को मिलेगी, जिनके चेहरे पर एक निशान बना हुआ है।
परंमबिकुलम वन्यजीव अभ्यारण्य
परंबिकुलम वन्यजीव अभयारण्य पश्चिमी घाटों में स्थित है, और केरल और तमिलनाडु राज्यों से घिरा हुआ है। संरक्षित वन 285 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। परंबिकुलम वन्यजीव अभयारण्य भी एक बाघ अभयारण्य और कई लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षित निवास स्थान है। जंगल उन 4 जनजातियों का घर है जो इस क्षेत्र के लिए स्वदेशी हैं। तथा कोयंबटूर पर्यटन मे यह प्रमुख अभ्यारण्य है।
सिरुवानी झरना और बांध
200 किमी के भीतर कोयंबटूर में घूमने के लिए सबसे मनोरम स्थानों में से एक, सिरुवानी झरना, जो कोवई कुतरालम जलप्रपात के रूप में भी जाना जाता है, किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह कोयंबटूर शहर से लगभग 37 किलोमीटर दूर है। यहां के वन्य जीवन और प्रकृति को करीब से देखने के लिए ये जगह पूरे साल पर्यटकों से भरी रहती है। यहां रहते हुए, आप नीलगिरि पर्वतमाला के बीच एक रोमांचक ट्रैक के लिए जा सकते हैं, पक्षियों को देख सकते हैं, या अपने समूह के साथ जंगल सफारी पर जा सकते हैं। इससे अलावा सिरुवानी बांध भी एक और जगह जहां आप आप अपनी आत्मा को तृप्त कर सकते हैं।