घूमने का रोमांचक अहसास दिलाते हैं भारत के ये गुमनाम पर्यटन स्थल, बनाएं यहां का ट्रिप 

जब भी कहीं घूमने जाने की बात आती हैं, तो लोग ऐसी जगहों का चुनाव करना पसंद करते हैं जहां शांति, खूबसूरत नजारे, रोमांच, मनोरंजन जैसी सभी चीजें एकसाथ मिल जाए और वहां के भोजन, संस्कृति और इतिहास का आनंद लिया जा सकें। ऐसे में लोग दूसरों की देखादेखी नामचीन पर्यटन स्थलों पर पहुंच जाते हैं। लेकिन आजकल देखने को मिलता हैं कि ऐसी जगहों पर बहुत भीड़ देखने को मिलती हैं जिस कारण घूमने का मजा किरकिरा हो जाता हैं। ऐसे में आज हम आपको देश के कुछ ऐसे गुमनाम पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बहुत कम लोग जाते हैं और आप यहां खुलकर समय बिता सकते हैं। इन पर्यटन स्थलों की खूबसूरती आपको यहां दोबारा आने पर मजबूर कर देगी। आइये इन गुमनाम पर्यटन स्थलों के बारे में...

 

जब भी कहीं घूमने जाने की बात आती हैं, तो लोग ऐसी जगहों का चुनाव करना पसंद करते हैं जहां शांति, खूबसूरत नजारे, रोमांच, मनोरंजन जैसी सभी चीजें एकसाथ मिल जाए और वहां के भोजन, संस्कृति और इतिहास का आनंद लिया जा सकें। ऐसे में लोग दूसरों की देखादेखी नामचीन पर्यटन स्थलों पर पहुंच जाते हैं। लेकिन आजकल देखने को मिलता हैं कि ऐसी जगहों पर बहुत भीड़ देखने को मिलती हैं जिस कारण घूमने का मजा किरकिरा हो जाता हैं। ऐसे में आज हम आपको देश के कुछ ऐसे गुमनाम पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बहुत कम लोग जाते हैं और आप यहां खुलकर समय बिता सकते हैं। इन पर्यटन स्थलों की खूबसूरती आपको यहां दोबारा आने पर मजबूर कर देगी। आइये इन गुमनाम पर्यटन स्थलों के बारे में...

नागताल, उत्तराखंड

उत्तराखंड के केदारघाटी में फाटा से तीन किमी ऊपर घने जंगल के बीच स्थित नागताल जिले में पर्यटन का नया केंद्र बनकर उभर रहा है। पर्यटन विभाग द्वारा इस रमणीक स्थल के प्रचार-प्रसार के लिए योजना बनाई गई है। साथ ही फाटा-जामू-नागताल ट्रेकिंग रूट को भी विकसित किया जा रहा है। इसी ट्रेकिंग रूट पर महर्षि जमदग्नि का प्राचीन आश्रम व नानतोली देवी का मंदिर भी है। मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। यहां से हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के साक्षात दर्शन होते हैं।नागताल तक पहुंचाने के लिए पर्यटकों को रुद्रप्रयग-गौरीकुंड राजमार्ग से फाटा पहुंचना होगा। यहां से लगभग तीन किमी पैदल दूरी पर वर्षभर साफ जल से भरा नागताल है। साथ ही चारों तरफ देवदार व अन्य प्रजाति के पेड़ों का सघन वन है।

जूखू वैली, नागालैंड

अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ एडवेंचर के लिए प्रसिद्घ है नागालैंड में स्थित जूखू वैली। जोखू वैली को कभी लोग बेजान और निर्जन मानते थे। लेकिन अब हरे-भरे पहाड़, नीला आकाश और बीच से अटखेलियां करती हुई गुजरती नदी को देखकर लगता है कि जन्नत में पहुंच गए हैं। जो लोग शांति चाहते हैं उनके लिए यह एक बेहतरीन जगह है।

अगत्ती आइलैंड, लक्ष्यद्वीप

कोच्चि के समुद्री तट से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित है अगत्ती आइलैंड। करीब 7 किलोमीटर लंबा और 3.84 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ यह आइलैंड प्रकृति की एक अद्भुत देन है। दूर तक फैला नीला पानी, आसमान में चमकता सूरज और रंगबिरंगी मछलियां इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते है। चेन्नै, कोच्चि और बेंगलुरु से आप लक्ष्यद्वीप के अगत्ती आइलैंड के लिए सीधी फ्लाइट ले सकते हैं।


कास पठार, महाराष्ट्र

पुणे से लगभग 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कास पठार। यह देश की सबसे शांत जगहों में से एक है। इस पठार पर तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल अपने आप उगते हैं। यह नजारा देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। वहीं कास झील में हजारों अप्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। यहां आप ऊंचाई से गिरते थोसेघर झरने को भी देख सकते हैं। अगर आप फूलों की घाटी को ऊपर से देखना चाहते हैं, तो सज्जनगढ़ तक आपको ट्रेक करके जाना होगा।


तोष, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा गांव है तोष, जो टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। पार्वती वैली में बसे इस गांव की सुंदरता देखते ही बनती है। इसके आसपास भी घूमने के कई स्थान हैं। चारो ओर खूबसूरत नजारे हों औऱ साथ में एक कप चाय या कॉफी मिल जाए, तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। तोष में यह हर तरफ मौजूद है।


चाटपाल, कश्मीर

चटपाल गांव की सुंदरता का वर्णन किसी ने नहीं किया होगा। यह कश्मीर के सबसे खूबसूरत ऑफबीट पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। शहर के जीवन की हलचल से दूर प्रकृति की गोद में परिवार और दोस्तों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। इसके अलावा, चटपाल के आसपास जंगलों में एक छोटा-सा ट्रेक एडवेंचर प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव हो सकता है। अगर स्नोफॉल का मजा लेना हो, तो यहां आना अच्छा विकल्प हो सकता है।

ऑरोविले, पुडुचेरी

पुडुचेरी को एक शांत स्थान के रूप में जाना जाता है। पुडुचेरी स्थित ऑरोविले, एक एक्सपेरिमेंटल टाउनशिप है जो 20 स्क्वेयर किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है। यह जगह समुदायिक रहन-सहन के साथ दीर्घकालीन रहने के अंदाज को सिखाती है। अध्यात्म की खोज करने वालों को यहां जरूर जाना चाहिए।


कल्पा, हिमाचल प्रदेश

कल्पा उत्तर भारत के उन स्थानों में से एक है, जहां ऑफबीट डेस्टीनेशन की कोई कमी नहीं हे। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में किन्नोर जिले में कल्पा एक ऐसी जगह है, जो गर्मी की छुट्टियों के लिए बहुत अच्छी है। सतलुज नदी घाट का यह शहर सेब के बाग, घने देवदार के जंगलों से घिरा है। हिमाचल प्रदेश के इस शहर के आसपास कई ट्रेक हैं, जिनका आप आनंद ले सकते हैं।