सर्दियों में स्विटजरलैंड बन जाती है भारत की ये 7 जगहें, स्नोफॉल देखने के लिए बेस्ट

सर्दियों के मौसम में बर्फबारी का एक अलग ही मजा होता है। दूर-दूर से लोग ऐसी जगहों पर जाने का प्लान बनाते हैं जहां बर्फबारी का मजा ले सकें। दिसंबर से लेकर फरवरी तक का मौसम बहुत सुहावना होता है ऐसे में आइए जानते हैं भारत की ऐसी 7 खूबसूरत जगहों के बारे में जहां का नजारा सर्दियों में स्विटजरलैंड से कम नहीं है। यहां पर आप बर्फबारी देखने के लिए जा सकते हैं।

 

सर्दियों के मौसम में बर्फबारी का एक अलग ही मजा होता है। दूर-दूर से लोग ऐसी जगहों पर जाने का प्लान बनाते हैं जहां बर्फबारी का मजा ले सकें। दिसंबर से लेकर फरवरी तक का मौसम बहुत सुहावना होता है ऐसे में आइए जानते हैं भारत की ऐसी 7 खूबसूरत जगहों के बारे में जहां का नजारा सर्दियों में स्विटजरलैंड से कम नहीं है। यहां पर आप बर्फबारी देखने के लिए जा सकते हैं।

गुलमर्ग, जम्मू-कश्मीर

कड़ाके की ठंड का असली मजा लेना है तो जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग जाएं। गुलमर्ग जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में स्थित धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो फूलों के प्रदेश के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस जगह की सुंदरता ऐसी है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह हिल स्टेशन पश्चिमी हिमालय के पीर पंजाल रेंज में है। यहां आकर आप खुद को प्रकृति के करीब पाएंगे। स्नो स्पोर्ट्स का अनुभव करने के लिए ये जगह एकदम परफेक्ट है। यहां आप स्नोफॉल के अलावा स्कीइंग और केबल कार राइडिंग का मजा ले सकते हैं। ये जगह भारत के बेस्ट स्नोफॉल डेस्टिनेशन में से एक है।


मनाली, हिमाचल प्रदेश

मनाली (Manali) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू ज़िले में स्थित एक नगर है। समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मनाली व्यास नदी के किनारे बसा है। सर्दियों में यहां का तापमान शून्य डिग्री से नीचे पहुंच जाता है। सर्दी की छुट्टियां और बर्फबारी का मजा लेने के लिए मनाली जा सकते हैं। यहां करने के लिए बहुत कुछ है। हिडिंबा देवी मंदिर, मनाली सेंचुरी और माल रोड पर एंजॉय करने का अपना मजा है। यहां जाएं तो बर्फ से ढके रोहतांग पास को देखना न भूलें। बर्फीली ढलान, खूबसूरत चट्टान और साफ नीले आकाश का लुत्फ उठाना है तो मनाली जाने के लिए बैग पैक कर लें। दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए ये जगह इसे किसी जन्नत से कम नहीं हैं। मनाली से 50 किलोमीटर की दूरी पर भुंतर नजदीकी एयरपोर्ट है। मनाली पहुंचने के लिए यहां से बस या टैक्सी की सेवाएं ली जा सकती हैं।

मसूरी, उत्तराखंड

मसूरी प्रकृति की गोद में बसा हुआ उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। मसूरी को "पहाड़ों की रानी" भी कहा जाता है। मसूरी सौंदर्य, शिक्षा, पर्यटन व व्यावसायिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ों के बीच बसा मसूरी देहरादून का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। मसूरी में घूमने-फिरने के लिए बहुत सी जगहे हैं आप यहां केम्प्टी फॉल्स, कंपनी गार्डन और मॉल रोड भी जा सकते हैं। इसके साथ ही कैमल बैक रोड, लेक मिस्ट और मॉस्सी फॉल्स को देखना न भूलें। सर्दियों के दौरान ये किसी स्वर्ग की तरह सुंदर दिखती है। देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है।


लेह, लद्दाख

लेह लद्दाख का मुख्य शहर है। साथ ही ये दुनिया का सबसे ठंडा मरुस्थल है। ये समुद्र तल से 11,000 फीट की ऊंचाई पर है। लेह की सड़कों पर बाइक से राइड करना हर किसी को पसंद है। यहां भारी बर्फबारी का मजा लेना है तो लेह में नुब्रा घाटी और पांगोंग त्सो झील जा सकते हैं। इसके अलावा, आप शांति स्तूप का भी अनुभव कर सकते हैं और दूर-दूर से लोग यहां की शांति में समय बिताने के लिए आते हैं। यहां की ट्रेकिंग भी काफी फेमस है। लेह में बौद्ध-थीम वाले कई होटल हैं, जहां आप सस्ते में एक रात बिता सकते हैं। लेह शहर लद्दाख राज्य की पहले राजधानी हुआ करता था। इसलिए यहां पर लद्दाख का समृद्ध इतिहास नजर आता है। 17वीं सदी से ही लेह पैलेस शहर के बीचों-बीच बना हुआ है। यह मध्यकालीन तिब्बती वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।


चोपता, उत्तराखंड

उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में बसे छोटे से हिल स्टेशन चोपता की प्राकृतिक खूबसूरती और हरियाली आपको अंदर तक आनंदित कर देगी। चोपता उत्तराखंड के आकर्षक हिल स्टेशनों में से एक है। यह उत्तराखंड में उकीमठ के रास्ते पर गढ़वाल क्षेत्र में बसा हुआ है। हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसे, इस छोटे से हिल स्टेशन को 'छोटा स्विट्ज़रलैंड' भी कहा जाता है। यहां आप जंगल के साथ-साथ बर्फबारी का भी मजा ले सकते हैं। जनवरी के मौसम में यहां इतनी ज्यादा बर्फबारी होती है कि लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है। यहां पहुंचने के लिए आप देवरिया ताल का रास्ता चुन सकते हैं। चोपता देहरादून से यह लगभग 246 किलोमीटर और ऋषिकेश से लगभग 211 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दोनों ही जगहों से चोपता पहुँचने के लिए आप नेशनल हाईवे 58 द्वारा पहुँच सकते हैं।


तवांग, अरुणाचल प्रदेश

तवांग अरुणाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है जो तवांग जिले का मुख्यालय भी है। तवांग अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित है। तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई। में कराया था। तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। यहाँ पर कई छोटी नदियाँ भी बहती हैं। यहाँ से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। बर्फ की चादर से ढका तवांग दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध मठों में से एक है। अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता की वजह से ये जगह छुट्टियां मनाने के लिए पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गई है। यहां तापमान शून्य से नीचे के स्तर तक चला जाता है। यहां आप नूरानांग फॉल्स, सेला पास और माधुरी झील भी घूमने जा सकते हैं। भारत में सबसे अच्छी बर्फबारी का लुत्फ उठाना है तो तवांग जरूर जाएं। यहां घूमने के लिए दिसंबर-जनवरी का महीना सबसे उत्पन्न माना जाता हैं।


नैनीताल, उत्तराखंड

नैनीताल (Nainital) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल ज़िले में स्थित एक नगर और महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। नैनीताल हिमालय की कुमाऊँ पहाडि़यों की तलहटी में स्थित है। समुद्र तल से नैनीताल की कुल ऊंचाई लगभग 1938 मीटर (6358 फुट) है। नैनीताल की घाटी में नाशपाती के आकार की एक झील है जो नैनी झील के नाम से जानी जाती है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों से घिरी है तथा इसकी कुल परिधि लगभग दो मील है। नैनीताल का मुख्‍य आकर्षण यहाँ की झील है। स्‍कंद पुराण में इसे त्रिऋषि सरोवर कहा गया है। कहा जाता है कि जब अत्री, पुलस्‍त्‍य और पुलह ऋषि को नैनीताल में कहीं पानी नहीं मिला तो उन्‍होंने एक गड्ढा खोदा और मानसरोवर झील से पानी लाकर उसमें भरा। इस झील के बारे में कहा जाता है यहां डुबकी लगाने से उतना ही पुण्‍य मिलता है जितना मानसरोवर नदी से मिलता है। यह झील 64 शक्ति पीठों में से एक है। झीलों में नौका की सैर के लिए यहां हर साल टूरिस्ट आते हैं। यहां नैनीताल जू भी आकर्षक का बड़ा केंद्र है। खरीदारी करने के लिए पास ही मॉलरोड भी है, जहां एक पुराना बाजार लगता है। आप यहां से भीम ताल की तरफ भी जा सकते हैं। जनवरी के महीने में यहां अक्सर बर्फ़बारी होती है।