Sawan 2024: काशी का अनोखा शिवलिंग, हर साल एक तिल बढ़ती है आकृति, दर्शन से कुंडली के दोष होते हैं दूर, जानिए पूरी जानकारी  

तिलभांडेश्वर मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख और प्राचीन शिव मंदिर है, जो अपनी अनूठी विशेषताओं और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। सावन में यहाँ दर्शन के लिए भक्तों का रेला यहाँ उमड़ता है। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में -

 

तिलभांडेश्वर मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख और प्राचीन शिव मंदिर है, जो अपनी अनूठी विशेषताओं और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। सावन में यहाँ दर्शन के लिए भक्तों का रेला यहाँ उमड़ता है। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में -

तिलभांडेश्वर मंदिर का परिचय

पता: मदनपुरा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत

प्राचीनता: 
तिलभांडेश्वर मंदिर वाराणसी के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास हज़ारों साल पुराना माना जाता है।
नाम का अर्थ: मंदिर का नाम "तिलभांडेश्वर" इसलिए पड़ा क्योंकि यह कहा जाता है कि शिवलिंग को तिलों (तिल के बीजों) से बनाया गया था और हर साल मकर संक्रांति के दिन यह शिवलिंग एक तिल के दाने जितना बड़ा हो जाता है।

धार्मिक महत्व:

शिवलिंग: मंदिर में स्थापित शिवलिंग को स्वयंभू (स्वतः प्रकट) माना जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ पूजा करने से उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
मकर संक्रांति: इस दिन विशेष पूजा और उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

तिलभांडेश्वर मंदिर की विशेषताएँ

प्राकृतिक शिवलिंग:
मंदिर का शिवलिंग अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह हर साल तिल के आकार जितना बढ़ता है, जो इसे और भी अधिक रहस्यमय और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है।

प्राचीन वास्तुकला:
मंदिर की वास्तुकला प्राचीन और भव्य है। इसके पत्थरों पर की गई नक्काशी और शिल्पकला इसे एक ऐतिहासिक धरोहर बनाती है।

धार्मिक गतिविधियाँ:
मंदिर में नियमित रूप से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और पूजाएँ होती हैं। यहाँ पर भक्तों के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है, जिसमें भाग लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ:
तिलभांडेश्वर मंदिर में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जो स्थानीय समुदाय को जोड़ने और उनकी संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करता है।

कैसे पहुँचें:
निकटतम रेलवे स्टेशन: वाराणसी जंक्शन (करीब 4 किमी दूर)
निकटतम हवाई अड्डा: लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी (करीब 25 किमी दूर)
स्थानीय परिवहन: आप ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

दर्शन का समय:
मंदिर का समय: प्रातः 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक
विशेष पूजा का समय: मकर संक्रांति और शिवरात्रि के दौरान विशेष अनुष्ठान और पूजा होती है।

सुझाव:
मंदिर दर्शन के दौरान शांति बनाए रखें और धार्मिक अनुष्ठानों में सहभागिता करें। मकर संक्रांति के समय यहाँ आने का प्रयास करें ताकि आप विशेष पूजा और उत्सव का आनंद ले सकें।तिलभांडेश्वर मंदिर वाराणसी का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र है। यहाँ आकर आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को आध्यात्मिक अनुभवों से समृद्ध कर सकते हैं।