अयोध्‍या ही नहीं, यूपी में ये जगहें भी हैं बेहद खास...विदेशी पर्यटक भी हैं यहां के मुरीद

वैसे तो पूरी यूपी ही टूरिज्म के लिए फेमस है लेकिनश्रीराम लला के मंदिर के बाद से उत्‍तर प्रदेश का अयोध्‍या भी जबरदस्‍त पर्यटन स्‍थल के तौर पर सामने आया है। इन दिनों लोगों की भीड़ अयोध्या की तरफ ज्यादा है। पर शायद आपको नहीं पता कि अयोध्या के अलावा भी यूपी के कई शहर ऐसे हैं जो टूरिस्टों के लिए खासा मायने रखते हैं। आइये आपको बताते हैं यूपी की उन जगहों के बारे में जिनकी सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी मुरीद हैं। 

 

वैसे तो पूरी यूपी ही टूरिज्म के लिए फेमस है लेकिनश्रीराम लला के मंदिर के बाद से उत्‍तर प्रदेश का अयोध्‍या भी जबरदस्‍त पर्यटन स्‍थल के तौर पर सामने आया है। इन दिनों लोगों की भीड़ अयोध्या की तरफ ज्यादा है। पर शायद आपको नहीं पता कि अयोध्या के अलावा भी यूपी के कई शहर ऐसे हैं जो टूरिस्टों के लिए खासा मायने रखते हैं। आइये आपको बताते हैं यूपी की उन जगहों के बारे में जिनकी सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी मुरीद हैं। 

अयोध्‍या
भगवान राम की नगरी अयोध्‍या हाल ही में भारत में एक बड़े टूरिस्‍ट प्‍लेस के तौर पर उभर कर सामने आ रहा है। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद अयोध्‍या अब देश ही नहीं, विश्‍व भर में आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। ग्‍लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का तो यहां तक कहना है कि अब अयोध्‍या में हर साल करीब 5 करोड़ सैलानी रामलला के दर्शन करने आएंगे। इसका सीधा लाभ यूपी सरकार को भी मिलेगा और राजस्‍व बढ़ेगा। यूपी सरकार के खजाने में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का टैक्‍स आएगा। 

आगरा
आगरा में ताजमहल है। सात अजूबों में से एक ताजमहल को यूनेस्को ने भी अपनी धरोहरों में शामिल किया है। ताजमहल का दीदार करने के लिए सिर्फ भारत के तमाम राज्‍यों से ही नहीं, बल्कि तमाम देशों से भी पर्यटक भारत आते हैं। आगरा में ताजमहल के अलावा आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, अकबर का मकबरा आदि तमाम ऐ‍तिहासिक स्‍थल हैं। 

मथुरा
आगरा की तरह ही मथुरा भी देश-विदेश में सैलानियों के बीच काफी फेमस है। यहां बांके बिहारी के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। बांके बिहारी के अलावा इस्‍कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि, निधिवन जैसी तमाम जगह हैं, जो देखने लायक हैं। अगर आप आगरा घूमने के लिए आते हैं, तो मथुरा घूमने का भी प्‍लान कर सकते हैं क्‍योंकि दोनों ही शहर आसपास हैं। मथुरा में तमाम मंदिरों और दर्शनीय स्‍थलों को घूमने के लिए आपको दो से तीन दिनों की जरूरत है। 

वाराणसी 
काशी विश्‍वनाथ की नगरी वाराणसी को काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है। हजारों साल पुराना ये शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। इसे सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ का मंदिर है। इसके अलावा यहां हर गली में आपको मंदिर मिल जाएंगे इसलिए इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। बनारस में देश ही नहीं विदेश से भी लोग मुक्ति और मोक्ष के लिए आते हैं।