सर्दियों में घूमने के लिए बेहतरीन लोकेशन हैं मैक्लोडगंज, करें यहां की इन जगहों को एक्सप्लोर 

सर्दियों में अगर घूमने का मन बना रहे है और एक ऐसी जगह की तलाश है जहां बर्फ़बारी का नजारा देखने को मिल सकें तो आप हिमाचल प्रदेश में स्थित मैक्लोडगंज का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। यह धर्मशाला के पास का एक फेमस हिल स्टेशन है जो शहर के शोर शराबे से दूर हैं। मैक्लोडगंज ट्रैकर्स के बीच लोकप्रिय स्थान है। यहां की संस्कृति कुछ ब्रिटिश प्रभाव के साथ तिब्बती संस्कृति का सुंदर मिश्रण है। मैक्लोडगंज का ट्रिप आपके लिए जिंदगीभर की यादे संजोएगा। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें मैक्लोडगंज में एक्सप्लोर किया जाता हैं। इन जगहों पर जाना अपनेआप में एक नया और अद्भुद अहसास साबित होगा। आइये जानते हैं मैक्लोडगंज की इन जगहों के बारे में-
 

सर्दियों में अगर घूमने का मन बना रहे है और एक ऐसी जगह की तलाश है जहां बर्फ़बारी का नजारा देखने को मिल सकें तो आप हिमाचल प्रदेश में स्थित मैक्लोडगंज का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। यह धर्मशाला के पास का एक फेमस हिल स्टेशन है जो शहर के शोर शराबे से दूर हैं। मैक्लोडगंज ट्रैकर्स के बीच लोकप्रिय स्थान है। यहां की संस्कृति कुछ ब्रिटिश प्रभाव के साथ तिब्बती संस्कृति का सुंदर मिश्रण है। मैक्लोडगंज का ट्रिप आपके लिए जिंदगीभर की यादे संजोएगा। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें मैक्लोडगंज में एक्सप्लोर किया जाता हैं। इन जगहों पर जाना अपनेआप में एक नया और अद्भुद अहसास साबित होगा। आइये जानते हैं मैक्लोडगंज की इन जगहों के बारे में-


कांगड़ा किला

कांगड़ा किला हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला भारत के प्राचीन किलों में से एक है जो भारतीय प्राचीन किलों के नाम से प्रसिद्ध है। इस किले का निर्माण राजपूत परिवार के द्वारा कराया गया था। इसके किलें को देखने के लिए लोग आते हैं तथा सभी लोग बहुत पसंद भी करते हैं। एक बार इस किले को देखने के बाद मन में बहुत खुशी की अनुभव होती है। मैक्लोडगंज में घूमने आने वाले पर्यटक इस किले का भ्रमण करके ही वापस जाते हैं।


त्रिउंड

त्रिउंड हिमाचल प्रदेश में एक आसान ट्रेक है, जहां से आप खूबसूरत हिमालय को निहार देख सकते हैं। धर्मशाला से कुछ किलोमीटर की दूरी पर 2828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है, जहां से पूरी कांगड़ा घाटी के खूबसूरत नज़ारे दिखाई देते हैं। त्रिउंड का ट्रेक छोटा और सरल है। इसे मैक्लोडगंज या धरमकोट से किया जा सकता है, जो मैक्लोडगंज से 2 किमी आगे है। त्रिउंड में शाम का नजारा बेहद ही खूबसूरत लगता है, जहां आप रात के समय कैम्पिंग के दौरान चाँद को देख सकते हैं और सितारों की फोटो खींच सकते हैं।

भागसू फॉल्स

भागसू फॉल्स मैकलोडगंज के पास का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो धर्मशाला में स्थित है। यह पर्यटक स्थल हर साल देश भर के उन पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो एक प्रकृति प्रेमी हैं। जो भी पर्यटक एक शांति वाली जगह की तलाश कर रहे हैं और प्रकृति के अद्भुद नजारों को देखने चाहते हैं उनके लिए भागसू फॉल्स एक बहुत ही अच्छी जगह है। भागसुन झरना मैकलोडगंज और धर्मशाला को जाने वाली सड़क पर स्थित है। अगर आप अपने परिवार के लोगों या दोस्तों के साथ पिकनिक बनाने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं तो भागसू फॉल्स से अच्छी जगह आपके लिए और कोई नहीं हो सकती।


दलाई लामा मंदिर

दलाई लामा मंदिर मैक्लोडगंज दर्शनीय स्थल का प्रमुख पर्यटन स्थल है इस मंदिर की वातावरण शांति से परिपूर्ण होती है जिससे आपको इस मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर शांति का अनुभव होता है। इस मंदिर में बौद्ध धर्म को मानने वाले अत्यधिक लोग इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं तथा अपने सुखी जीवन के लिए भी प्रार्थना करने आते हैं। दलाई लामा मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की प्रतिमा बैठे हुए आकार में स्थापित की गई है जिसके चारों तरफ श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं और विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।


नामग्याल मठ

नामग्याल मठ, मैकलोडगंज का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है, जो तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का निवास स्थान है। नामग्याल मठ 14वें दलाई लामा के मठ के रूप में भी जाना जाता है। नामग्याल मठ सबसे बड़ा तिब्बती मंदिर भी है जिसकी नींव 16 वीं शताब्दी में दूसरे दलाई लामा द्वारा रखी गई थी और इसे भिक्षुओं द्वारा धार्मिक मामलों में दलाई लामा की मदद करने के लिए स्थापित किया गया था। वर्तमान में मठ में लगभग 200 भिक्षु हैं जो मठ की प्रथाओं, कौशल और परंपराओं की रक्षा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। नामग्याल मठ उन पर्यटकों के लिए बेहद खास जगह है, जो एक शांति वाली जगह की तलाश में हैं।


मिंकियानी दर्रा

मिंकियानी दर्रा धौलाधार पर्वतमाला का एक हिस्सा है जो प्रकृति के कुछ शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, ये दर्रा मैक्लोडगंज के पास एक खूबसूरत जगह के रूप में जाना जाता है। अगर आप एक फोटोग्राफर हैं, तो आपको आसपास की प्रकृति बेहद पसंद आने वाली है। मिंकियानी दर्रा पर्यटकों के लिए एक अच्छा ट्रैकिंग अनुभव भी प्रदान करता है। हरी-भरी वनस्पतियों के अलावा, आप इस क्षेत्र में वन्य जीवन को भी देख सकते हैं। वन्यजीवों में मुख्य रूप से क्षेत्र के पक्षियों और तेंदुओं की विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं। मिंकियानी दर्रे का निकटतम हवाई अड्डा धर्मशाला का कांगड़ा हवाई अड्डा है।


डल झील

डल झील मैकलोडगंज के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है, जो हिमाचल प्रदेश कांगड़ा जिले में तोता रानी के गाँव के पास समुद्र तल से 1,775 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। डल झील नाम के साथ श्रीनगर की प्रसिद्ध और आकर्षक डल झील से लिया गया। यह झील ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों और विशाल देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है, जो पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। इस शांत झील का पानी हरा है, जो कई प्रकार की मछलियों का निवास स्थान है। कई लोग इस झील को शापित बताते हैं और कुछ इसे पवित्र मानते हैं, क्योंकि यहां पर झील के किनारे भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है।


करेरी झील

ऊंचाई वाले इलाके में स्थित करेरी झील मीठे पानी की झील है जो मैक्लोडगंज के पास घूमने लायक जगह है। झील के पानी का स्रोत धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं की बर्फ से है जो गर्म मौसम में पिघल जाती है। चूंकि बर्फ मुख्य जल स्रोत है, झील का पानी लगभग क्रिस्टल जैसा है। पर्यटक अपने कैमरे में झील की खूबसूरती को कैद करने के अलावा घाटी में स्थित सुंदर देवदार के पेड़ों को भी कैद कर सकते हैं। यह ट्रैकिंग और फोटोग्राफी के लिए एक अच्छी जगह है। करेरी झील धौलाधार पर्वत श्रृंखला के दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित है। झील मैक्लोडगंज से शुरू होकर करेन गांव तक जाती है। दिसंबर से मार्च के सर्दियों के महीनों के दौरान झील तब और आकर्षित लगती है जब वो जमा हो जाती है। इस प्रकार करेरी झील की यात्रा निश्चित रूप से देखने लायक है, खासकर उनके लिए जो प्रकृति से बेहद प्यार करते हैं।