Ganga Mahotsav में हिस्सा लेने जा रहे हैं वाराणसी, तो जाने से पहले जान लें यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी

गंगा महोत्सव वाराणसी में गंगा नदी के तट पर मनाया जाता है। यह पांच दिवसीय आयोजन होता है। इस साल इस पर्व की शुरुआत 11 नवंबर से 15 नवंबर तक हो रही है। इस महोत्सव के आखिरी दिन देव दिवाली मनाई जाती है। इसलिए गंगा महोत्सव को कुछ लोग देव दीपावली के नाम से भी जानते हैं। यह कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि दिवाली के 15 दिनों बाद यह पर्व मनाया जाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 नवंबर 2024 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगा।

 

गंगा महोत्सव वाराणसी में गंगा नदी के तट पर मनाया जाता है। यह पांच दिवसीय आयोजन होता है। इस साल इस पर्व की शुरुआत 11 नवंबर से 15 नवंबर तक हो रही है। इस महोत्सव के आखिरी दिन देव दिवाली मनाई जाती है। इसलिए गंगा महोत्सव को कुछ लोग देव दीपावली के नाम से भी जानते हैं। यह कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि दिवाली के 15 दिनों बाद यह पर्व मनाया जाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 नवंबर 2024 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगा।

इस दिन मनाया जाएगा गंगा महोत्सव

माना जाता है कि देव दीपावली के दिन देवता धरती पर दिवाली मनाने आते हैं। इसलिए ही यह पर्व भक्तों के लिए और भी खास होता है। इस पर्व में देवता काशी में आते हैं और गंगा किनारे दीये जलाते हैं। ऐसे में देवताओं के स्वागत के लिए भक्त गंगा घाट से लेकर मंदिर और घरों में दीया जलाते हैं। इसलिए ही इसे गंगा महोत्सव भी कहा जाता है।अगर आप गंगा महोत्सव में शामिल होने जा रहे हैं, तो आपको यात्रा से जुड़ी जानकारी पूरा रखनी चाहिए।

कहां होगा गंगा महोत्सव?

जानकारी अनुसार इस साल वाराणसी में गंगा महोत्सव का आयोजन अस्सी घाट पर किया जाने वाला है। वाराणसी में कई घाट है, ऐसे में आपको गंगा महोत्सव में शामिल होना है, तो आपको अस्सी घाट पहुंचना होगा। पहले यह आयोजन राजघाट पर होता था, इसलिए इस साल यात्रियों को गंगा महोत्सव में शामिल होने में कन्फ्यूजन हो सकती है। अगर आप गंगा उत्सव देखने के मकसद से वाराणसी जा रहे हैं, तो आपको अस्सी घाट जाना होगा। इस बार पर्यटन विभाग ने इसे अस्सी घाट पर शिफ्ट कर दिया है।


इसके अलावा देव दीपावली को लेकर बताया गया है कि काशी के घाटों पर 12 लाख दीये जलाने की योजना बनाई गई है। देव दीपावली के एक दिन पहले ही जगह-जगह पर दिए और बाती को बांट दिया जाएगा। ताकि समय पर दिए जलाए जा सके और इसे जगह-जगह सजा दिया जाए। इस महोत्सव में आपको आतिशबाजी और लाइट एंड साउंड शो का सुंदर नजारा भी देखने को मिलने वाला है।