यहां हनुमान जी की मूर्ति के साथ विराजित है एक स्त्री, जानें क्या है इस मंदिर से जुड़ी मान्यता

बजरंगबली भगवान राम के परम भक्त माने जाते हैं। यही वजह है कि हनुमान जी के हर मंदिर में राम जी, सीता माता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा जरूर रहती है। लेकिन आज हम आपको बजरंबली के उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां उनकी मूर्ति न तो अकेली है न ही राम जी के साथ। यहां पर हनुमान जी एक स्त्री के साथ विराजित है। आखिर यह किस स्त्री की मूर्ति है और ये मंदिर कहां पर है। तो आइए जानते हैं हनुमान जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में।

 

बजरंगबली भगवान राम के परम भक्त माने जाते हैं। यही वजह है कि हनुमान जी के हर मंदिर में राम जी, सीता माता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा जरूर रहती है। लेकिन आज हम आपको बजरंबली के उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां उनकी मूर्ति न तो अकेली है न ही राम जी के साथ। यहां पर हनुमान जी एक स्त्री के साथ विराजित है। आखिर यह किस स्त्री की मूर्ति है और ये मंदिर कहां पर है। तो आइए जानते हैं हनुमान जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में।


यहां हनुमान जी के साथ है एक स्त्री
तेलंगाना के खम्मम जिले में येल्नाडु गांव में स्थित है हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर जहां उनकी प्रतिमा अकेली नहीं है। इस मंदिर में बजरंबली के साथ एक स्त्री की प्रतिमा भी उनके साथ विराजित है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, यहां बजरंबली के साथ जिस स्त्री की मूर्ति है वो उनकी पत्नी हैं। कहा जाता है कि पाराशर संहिता में हनुमान जी के इस विवाह की कथा बताई गई है। कहा जाता है कि अपने गुरु सूर्यदेव से 9 विद्याओं में से 5 विद्याएं प्राप्त कर चुके हनुमान जी को 4 विद्याएं पाने के लिए विवाहित होना आवश्यक था। इसी कारण हनुमान जी ने सूर्यदेव की पुत्री सुर्वचला से विवाह किया था हालांकि विवाह के तुरंत पश्चात सुवर्चला पुन: तप में लीन हो गई।


इस मंदिर के दर्शन करने से वैवाहिक जीवन रहता है सुखी
मान्यता ये है कि इस मंदिर में दर्शन करने से दांपत्य जीवन में अगर अनबन हो तो वो दूर हो जाता है। इतना ही नहीं यहां पति-पत्नी को एक-दूसरे के साथ प्रेम पूर्वक रहने का वादा हनुमान जी के समक्ष करना पड़ता है। 

शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का महत्व
शनिवार और मंगलवार के दिन बजरंबली की पूजा करने से हर तरह के दुख और भय से छुटकारा मिलता है। सप्ताह के इन दोनों दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर चमेली का तेल, सिंदूर और बेसन के लड्डू चढ़ाने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा आज के दिन बजरंबली के साथ प्रभु राम और माता सीता की पूजा भी अवश्य करें, तभी आपको उचित फल मिलेगा। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी अत्यंत शुभदायी माना जाता है।