अभी तक नहीं देखें हैं ये ऐतिहासिक स्मारक, बनाएं बच्चों संग यहां घूमने का प्लान

बच्चों को घुमाने के लिए ऐसी जगहों का चुनाव किया जाना चाहिए जिससे बच्चों को खुशी के साथ ही कुछ जानने को मिले। हमारे भारत देश में सैकड़ों ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनकी वजह से भारत देश-विदेश में जाना जाता हैं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। आप बच्चों को ऐतिहासिक इमारतें दिखाने ले जा सकते हैं जो उन्हें इतिहास की जानकारी भी दिलाएगी। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऑफबीट ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी लेकर आए हैं जिन्हें आप देखने का मन बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

 

बच्चों को घुमाने के लिए ऐसी जगहों का चुनाव किया जाना चाहिए जिससे बच्चों को खुशी के साथ ही कुछ जानने को मिले। हमारे भारत देश में सैकड़ों ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनकी वजह से भारत देश-विदेश में जाना जाता हैं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। आप बच्चों को ऐतिहासिक इमारतें दिखाने ले जा सकते हैं जो उन्हें इतिहास की जानकारी भी दिलाएगी। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऑफबीट ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी लेकर आए हैं जिन्हें आप देखने का मन बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...


जंतर मंतर, जयपुर

यह जयपुर में स्थिति हैं। इसका निर्माण 1724 ई। में पूरा हुआ था। जयपुर के महाराजा जयसिंह ने इस वेधशाला का निर्माण कराया था उन्होंने उज्जैन, वाराणसी और मथुरा मे इसी प्रकार की अन्य वेधशालाओं का निर्माण कराया था। जयसिंह को सही माप लेने के लिए मौजूदा अंतरिक्षीय उपकरण काफी छोटे लगे इसलिए उन्होंने बड़े और अधिक तथा सही उपकरणों से इसे निर्मित कराया। जन्तर-मन्तर के ये उपकरण तकनीकी रूप से आश्चर्य जनक हैं किन्तु आस-पास ऊंचे भवन बनने के बाद इनसे अब सटीक माप लेना संभव नहीं है।

बीदर किला, कर्नाटक

कर्नाटक में मौजूद बीदर किले का निर्माण 1427 में किया गया था। कहते हैं कि जब सुल्तान अलाउद्दीन बहमन ने अपनी राजधानी को गुलबर्गा से बीदर स्थानांतरित कर दिया था, तब इस बीदर किले को बनवाया गया था। किले की आकर्षक वास्तुकला, इसके शाही स्नानागार, दर्शकों के हॉल और मंडप शहर के इतिहास को लोगों के सामने दर्शाते हैं। किला भारत में ऐतिहासिक स्मारकों की सूची में तो नहीं है, लेकिन घूमने-फिरने के लिहाज से काफी सुंदर है। यहां पर कई फिल्मों की शूटिंग भी की गई है।

बड़ा बाग, जैसलमेर

बड़ा बाग एक गार्डन कॉम्प्लेक्स है, जो जैसलमेर से लगभग 6 किमी उत्तर में रामगढ़ के रास्ते में स्थित है। इस इमारत का पूरा निर्माण 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में महारावल जैत सिंह और उनके बेटे लूनाकरण द्वारा पूरा किया गया था। बड़ा बाग को शाही परिवार के सदस्यों को समर्पित एक स्मारक के रूप में बनाया गया है। अगर आप इस जगह की खूबसूरती का मजा लेना चाहते हैं, तो आपको यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आना चाहिए। यहां के लिए आप एक लोकल टैक्सी ले सकते हैं।


विक्टोरिया मैमोरियल, कोलकाता

यह कोलकाता के सबसे मशहूर दर्शनीय स्थलों में से एक है। विक्टोरिया मैमोरियल भारत में अंग्रेजी राज को दी गई एक श्रद्धांजलि है, इसे पुनः निर्मित किया गया था और यह ताजमहल पर आधारित था। इसे आम जनता के लिए 1921 में खोला गया था, इसमें शाही परिवार की कुछ तस्वीरें भी हैं। इन बेशकीमती प्रदर्शन के अलावा पर्यटक विक्टोरिया मेमोरियल की ख़ूबसूरत संरचना को देखने यहाँ आते हैं।

महाबत मकबरा, जूनागढ़

भारत की खूबसूरत इमारतों में जूनागढ़ का महाबत मकबरा भी आता है। नवाब महाबत खान द्वितीय का ये खूबसूरत मकबरा गुजरात के यूरो-इंडो-इस्लामिक वास्तुकला के सबसे मशहूर उदाहरणों में से एक है। इमारत में कई तरह की संस्कृतियों का प्रभाव देखा जा सकता है जिसमें इस्लामी गुंबद और फ्रेंच शैली की खिड़कियां शामिल हैं।


मुरुद जंजीरा किला, महाराष्ट्र

अगर किसी किले ने 13 हमलों का सामना किया है, तो उस फोर्ट में जरूर कोई बात होगी। मुरुद-जंजीरा किला 15वीं शताब्दी में समुद्री लुटेरों और चोरों से सुरक्षा के लिए बनाया गया था। जंजीरा शब्द मराठी रूपांतर है, जिसे अरबी शब्द जज़ीरा से लिया गया है। 40 फुट ऊंची ग्रेनाइट संरचना, महाराष्ट्र के तटीय गांव मुरुद से कुछ दूर एक द्वीप पर स्थित है।


सांची स्तूप, मध्यप्रदेश

मौर्य सम्राट अशोक ने भगवान बुद्ध के सम्मान में सांची में स्तूप की स्थापना की। ये स्तूप युनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों के रूप में शुमार किया गया है। सांची में स्थित बौद्ध विहार महान स्तूप के रूप में भी जाना जाता है यह भारत का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध स्मारक, रायसेन जिले के सांची टाउन में स्थित है। सांची स्तूप भारत में सबसे अच्छा संरक्षित प्राचीन स्तूप है।


कांच महल, आगरा

कांच महल भारत का एक ऐतिहासिक स्मारक है, जो आगरा के सिकंदरा में स्थित है। ये कांच महल अकबर के मकबरे के पास स्थित है। कहते हैं कि यह संरचना शाही घराने की महिला सदस्यों के लिए बनाई गई थी। हालांकि, कांच महल को बाद में सम्राट जहांगीर के लिए शिकारगाह में बदल दिया गया था। इसे भी एक बार जरूर देखने पहुंचें