Dussehra 2023: श्रीलंका की वो जगहें, जहां धूमधाम से मनाया जाता है दशहरा
मंगलवार 24 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा। इसी दिन अयोध्या के राजा भगवान राम ने रावण का वध किया था। दरअसल, ये त्योहार पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। पूरे भारत में दशहरे वाले दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। प्राचीन कथाओं के मुताबिक, भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में रावण से जुड़ी कई ऐसी ऐतिहासिक और प्राचीन जगहें हैं। ये आपको रामायण काल में ले जाएंगी लेकिन आपको बता दें कि श्रीलंका में भी दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। ये सुनकर आप थोड़ा हैरान जरूर होंगे। तो आपकी इसी हैरानी को दूर करने के लिए हम आपको लंका की उन जगहों के बारे में बताएंगे, जहां दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।
मंगलवार 24 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा। इसी दिन अयोध्या के राजा भगवान राम ने रावण का वध किया था। दरअसल, ये त्योहार पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। पूरे भारत में दशहरे वाले दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। प्राचीन कथाओं के मुताबिक, भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में रावण से जुड़ी कई ऐसी ऐतिहासिक और प्राचीन जगहें हैं। ये आपको रामायण काल में ले जाएंगी लेकिन आपको बता दें कि श्रीलंका में भी दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। ये सुनकर आप थोड़ा हैरान जरूर होंगे। तो आपकी इसी हैरानी को दूर करने के लिए हम आपको लंका की उन जगहों के बारे में बताएंगे, जहां दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।
सीता अम्मन मंदिर
कहा जाता है कि सीता अम्मन मंदिर का नाता माता सीता से जुड़ा हुआ है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, रावण ने सीता मां को यहीं रखा था। ये मंदिर श्रीलंका के नुवारा एलिया से महज 5 किलोमीटर दूर है। माना जाता है कि ये मंदिर 5 हजार साल पुराना है।
कटारागामा मंदिर
कटारागामा मंंदिर भगवान कार्तिकेय सुब्रहमण्यम को समर्पित है। मान्यता है कि कार्तिकेय, इंद्र के कहने पर ही युद्ध में भगवान राम की मदद के लिए गए थे। भगवान कार्तिकेय ने रावण के ब्रह्मास्त्र से राम जी की रक्षा की थी।
श्री अजनेया मंदिर
इस मंदिर में आप कोलंबो से 45 मिनट ड्राइव करके भी पहुंच सकते हैं। ये मंदिर राम भक्त हनुमान को समर्पित है। यहां रहने वाले हिंदुओं के बीच अजनेया मंदिर बेहद पॉपुलर है। यहां की खास बात ये है कि इस मंदिर में आपको पंचमुखी हनुमान कीमूर्ति देखने को मिलेगी।
दिवूरोमपोला मंदिर
इस मंदिर का नाम लेना थोड़ा मुश्किल जरूर हो सकता है लेकिन यहां भी दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है। ये मंदिर सीता एलिया से 15 किमी दूरी पर है। माना जाता है कि यही वो मंदिर है जहां माता सीता की अग्निपरीक्षा हुई थी। श्रीलंका में आने के बाद इन सभी जगहों पर घूमना बिल्कुल मिस न करें।