Travel Tips: अस्थमा के मरीज कभी न जाएं इन जगहों पर, जान पर आ सकती है बात 

अस्थमा धीरे- धीरे एक आम बीमारी बनती जा रही है। अस्थमा के मरीजों को जितना हो सके बहुत ऊंचे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, नहीं तो बात जान पर भी आ सकती है। कई लोग बिलकुल भी इन बातों का ध्यान नहीं रखते और अस्थमा को नजरअंदाज करके ऐसी जगहों पर घूमने चले जाते हैं। परिणामवश कई बार वहां पर या फिर वहां से लौटने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। आइए आपको बताते हैं उन जगहों के बारे मे जहां अस्थमा के मरीजों को जाने से बचना चाहिए। 

 

अस्थमा धीरे- धीरे एक आम बीमारी बनती जा रही है। अस्थमा के मरीजों को जितना हो सके बहुत ऊंचे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, नहीं तो बात जान पर भी आ सकती है। कई लोग बिलकुल भी इन बातों का ध्यान नहीं रखते और अस्थमा को नजरअंदाज करके ऐसी जगहों पर घूमने चले जाते हैं। परिणामवश कई बार वहां पर या फिर वहां से लौटने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। आइए आपको बताते हैं उन जगहों के बारे मे जहां अस्थमा के मरीजों को जाने से बचना चाहिए। 

पहलगाम 
कश्मीर के सबसे सुंदर पहाड़ी इलाकों में से एक है। दुनियाभर से लोग यहां पर घूमने आते हैं। इस पर्वतीय स्थल की ऊंचाई लगभग 12हजार फीट है जहां पर ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो जाता है, इसलिए ये जगह अस्थमा के मरीजों के घूमने के लिए रिस्की हो सकता है। 

स्पीति घाटी
भारत की सबसे खूबसूरत और शांत जगहो में से एक है, लेकिन ये अस्थमा के मरीजों  के घूमने के लिए एक अच्छा चुनाव नहीं है। यहां ऑक्सीजन का लेवल घटने के कारण लोगों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होने लगती है। 

दार्जिलिंग 
घूमने का सबसे बढ़िया समय मार्च से जून तक होता है।  बारिश के मौसम मे यहां का तापमान गिरकर 1 डिग्री तक पहुंच जाता है।  जिन लोगों को अस्थमा है उन्हें यहां पर घूमने से बचना चाहिए क्योंकि कम तापमान में अस्थमा अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।