दो पहाड़ियों पर फैली है चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ सेंचुरी, यहां मौजूद झरना है आकर्षक
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य, उत्तर प्रदेश के चंदौली में विंध्य वन रेंज में विजयगढ़ और नौगढ़ नामक दो पहाडियों पर 9,600 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस सेंचुरी को मई, 1957 में स्थापित किया गया था और 1958 में तीन एशियाई शेरों को यहां लाया गया था। यह तीनों शेर, 1969 तक 11 हो गए थे। दुर्भाग्यवश, 1970 में वे सभी गायब हो गए।
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य, उत्तर प्रदेश के चंदौली में विंध्य वन रेंज में विजयगढ़ और नौगढ़ नामक दो पहाडियों पर 9,600 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस सेंचुरी को मई, 1957 में स्थापित किया गया था और 1958 में तीन एशियाई शेरों को यहां लाया गया था। यह तीनों शेर, 1969 तक 11 हो गए थे। दुर्भाग्यवश, 1970 में वे सभी गायब हो गए।
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य में जंगली जानवरों की कई अन्य प्रजातियों का वास है। इनमें से चीतल, नीलगाय, चिंकारा, ब्लैकबक्स, खरगोश, सांभर, चौसिंहा, बंदर, साही, लकड़बग्घा, जंगली लोमड़ी, भारतीय चिकारे, जंगली बिल्ली और जंगली सुअर आदि प्रमुख है।
यह जगह पक्षियों की निहारने का शौक रखने वालों और ऑरनिथोलॉजिस्ट के लिए स्वर्ग है। यहां लगभग 150 प्रजातियों की चिडियों का वास है। इस अभयारण्य में कई जंगली औषधियों वाले पौधों के अलावा, सागौन, अमलतास,महुआ, कोरिआया, बेर, तेंदू के वृक्ष भी बहुतायत में हैं।
चंद्र प्रभा और कर्मनाशा नदी, अभयारण्य में बहती है जिसके पानी में मछलियां भी तैरती हुई दिखाई देती है। सर्दियों और बारिश के दौरान यहां काफी पर्यटक आते है, इस अवधि में सेंचुरी में हरा - भरा वातावरण मन मोह लेता है।