सबसे ज्यादा खतरनाक है निमोनिया का ये प्रकार, मकड़ी की जाल की तरह जकड़ लेता है फेफड़ा, जानें बचाव
इन दिनों शरीर को जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। ऐसे में फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां जैसे निमोनिया, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस ट्रिगर करता है। बात अगर निमोनिया की करें तो, इस समय लीजियोनेयर्स जो कि निमोनिया का सबसे खतरनाक प्रकार है। आज हम इसी बीमारी के बारे में जानेंगे कि लीजियोनेयर्स क्या है, इसके कारण और लक्षण क्या हैं।
इन दिनों शरीर को जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। ऐसे में फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां जैसे निमोनिया, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस ट्रिगर करता है। बात अगर निमोनिया की करें तो, इस समय लीजियोनेयर्स जो कि निमोनिया का सबसे खतरनाक प्रकार है। आज हम इसी बीमारी के बारे में जानेंगे कि लीजियोनेयर्स क्या है, इसके कारण और लक्षण क्या हैं।
लीजियोनेयर्स क्या है
लीजियोनेयर्स रोग एक गंभीर प्रकार का निमोनिया है जो लीजियोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। लीजियोनेला बैक्टीरिया तब फैलता है जब कोई दूषित पानी की छोटी बूंदों को अंदर लेता है, जो आमतौर पर ह्यूमिडिफायर और एयर कंडीशनिंग सिस्टम और यहां तक कि पीने के पानी में भी पाया जाता है। आमतौर पर ऐसा पानी होटल, अस्पतालों और सप्लाई से भी आ सकता है और आसानी से आपको संक्रमित कर सकता है। जो लोग लीजियोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद बीमार हो जाते हैं, उनमें दो अलग-अलग बीमारियां विकसित हो सकती हैं, लीजियोनेयर्स रोग और पोंटियाक बुखार।
लीजियोनेयर्स के लक्षण
लीजियोनेयर्स का बैक्टीरिया मकड़ी की जाल की तरह फेफड़े को जकड़ लेता है और आपको फ्लू जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं जो कि समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं। जैसे- सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बहुत ज्यादा खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई।
इन लोगों को रहना चाहिए ज्यादा सतर्क
लीजियोनेयर्स का बैक्टीरिया कमजोर इम्यूनिटी और कमजोर फेफड़े वाले लोगों को सबसे पहले ट्रिगर कर सकता है। जिन लोगों को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे पहले से ही निमोनिया, अस्थमा या फिर ब्रोंकाइटिस हो उन्हें इससे बचकर रहना चाहिए। साथ ही धूम्रपान जैसी खराब आदतों वाले लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और लक्षण नजर आते ही डॉक्टर को दिखाएं।