सर्दियों में बढ़ जाता है कोल्ड डायरिया का खतरा, जानें क्या होती है यह बीमारी
सर्दियों का मौसम बड़ा ही सुहावना होता है लेकिन यह अपने साथ कई सारी चुनौतियां भी लेकर आता है मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखना पड़ता है। ठंड के मौसम में सर्दी जुकाम के साथ ही कोल्ड डायरिया की समस्या भी देखने को मिलती है। आइए जानते हैं कोल्ड डायरिया क्या है इससे बचने के क्या उपाय हैं।
सर्दियों का मौसम बड़ा ही सुहावना होता है लेकिन यह अपने साथ कई सारी चुनौतियां भी लेकर आता है मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखना पड़ता है। ठंड के मौसम में सर्दी जुकाम के साथ ही कोल्ड डायरिया की समस्या भी देखने को मिलती है। आइए जानते हैं कोल्ड डायरिया क्या है इससे बचने के क्या उपाय हैं।
कोल्ड डायरिया क्या है?
कोल्ड डायरिया या विंटर डायरिया एक वायरल संक्रमण है जो खासतौर पर सर्दियों में फैलता है। इसका मुख्य कारण है नोरोवायरस, जिसे आर एन ए वायरस के रूप में जाना जाता है। यह जनवरी से लेकर मार्च तक सक्रिय होता है और दुनिया भर में इसे स्टमक फ्लू का मुख्य कारण माना जाता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण यह बीमारी आपको अपनी चपेट में ले लेती है। कोल्ड डायरिया के मामले बच्चों में सबसे ज्यादा देखते जाते हैं। इस वायरस की चपेट में आने पर सबसे पहले पेट में दर्द होता है, फिर उल्टी होती है और शाम होते होते लूज मोशन शुरू हो जाता है।
कोल्ड डायरिया के लक्षण
पेट में दर्द
कमजोरी
लूज मोशन
उल्टी और मतली
बुखार
कोल्ड डायरिया के कारण
साफ सफाई की कमी
गंदे हाथ से खाना खाना
अशुद्ध भोजन
दूषित पानी
टॉयलेट की गंदगी