डिलीवरी के बाद इस कारण पकने लगते हैं टांके, इन बातों का रखें ध्‍यान

हर महिला के लिए मां बनने का एहसास सबसे अलग होता है, हालांकि इस दौरान उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर अगर महिला की सिजेरियन डिलीवरी हुई हो तो।  नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले सिजेरियन डिलीवरी से रिकवर होने में ज्यादा समय लगता है। इस दौरान कई चीजों का भी ध्यान रखना पड़ता है। जरा सी लापरवाही बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है। ये हर किसी को पता है कि सिजेरियन डिलीवरी में पेट पर टांका लगाकर बच्‍चे को बाहर निकाला जाता है। ऐसे में टांकों में इंफेक्शन या टांके पकने का डर बना रहता है। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। 

 

हर महिला के लिए मां बनने का एहसास सबसे अलग होता है, हालांकि इस दौरान उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर अगर महिला की सिजेरियन डिलीवरी हुई हो तो। नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले सिजेरियन डिलीवरी से रिकवर होने में ज्यादा समय लगता है। इस दौरान कई चीजों का भी ध्यान रखना पड़ता है। जरा सी लापरवाही बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है। ये हर किसी को पता है कि सिजेरियन डिलीवरी में पेट पर टांका लगाकर बच्‍चे को बाहर निकाला जाता है। ऐसे में टांकों में इंफेक्शन या टांके पकने का डर बना रहता है। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। 

डिलीवरी के बाद इंफेक्‍शन के कारण
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सी-सेक्‍शन के बाद पूरी तरह से रिकवर होने में कम से कम 4 से 6 हफ्ते का समय लगता है। हालांकि कुछ महिलाओं को इसमें ज्‍यादा समय भी लग सकता है। सिजेरियन डिलीवरी करवाने वाली लगभग 6 से 11 फीसदी महिलाओं में इंफेक्‍शन का खतरा रहता है। ऐसे में इनके पकने और टांकों में इंफेक्‍शन होने के कुछ कारण हो सकते हैं। इंफेक्‍शन का खतरा सबसे ज्यादा उन महिलाओं को होता है, जिन्हें टांके नायलॉन या स्टेपल से लगते हैं। ऐसे में हमेशा पॉलीग्लाइकोलाइड (पीजीए) टांके लगवाने चाहिए। इससे खतरा कम रहता है।

इन कारणों से पक सकते हैं टांके

बैक्‍टीरियम स्‍टैफिलोकोकस ऑरियस सी-सेक्‍शन के घाव पर इंफेक्‍शन करने का सबसे आम कारण माना जाता है। 

सिजेरियन के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना

एंटीबायोटिक दवाओं को न लेना

टांके की साफ-सफाई पर सही से ध्यान न देना

टांके की नियमित रूप से जांच न कराना

स्टेरॉयड दवाओं को जरूरत से ज्यादा लेना

इम्यून सिस्टम को कमजोर होना

मोटापा अधिक होना

सिगरेट पीना

पेनिसिलिन एलर्जी होना

इन्हें होता है इंफेक्‍शन का सबसे ज्यादा खतरा

हीमेटोमा, एम्‍नियोटिक फ्लूइड में बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन होना

प्रेग्‍नेंसी में तंबाकू का सेवन

गर्भावस्‍था के दौरान उचित देखभाल न करना

डायबिटीज या जेस्‍टेशनल डायबिटीज होने पर खतरा अधिक होता है

जुड़वा बच्‍चे होने पर

गर्भाशय रप्‍चर होना

खून चढ़ने पर

38 मिनट से ज्‍यादा समय तक सर्जरी चलने पर

कैसे बचें

टांके की साफ-सफाई ध्यान रखें

बैंडेज नियमित रूप से बदलें

टांकों में दर्द और सूजन महसूस होने पर बर्फ से सिंकाई करें

जिस स्थान पर टांके लेग हुए हैं उस स्थान पर कभी भी कॉस्‍मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें

सावधानी के साथ नहाएं

हर रोज कपड़े बदलें

भूलकर भी टांकों पर खुलजी न करें