Mouth Saliva : सोते समय मुंह से लार गिरना नहीं है साधारण, इसके पीछे हो सकते हैं गंभीर कारण
 

रात को सोते समय मुंह से लार गिरने की समस्या कई लोगों को होती है। यह स्थिति सामान्य हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है।जब हम सो रहे होते हैं तो चेहरे की मांसपेशियां और निगलने की क्रियाएं पूरी तरह से सुस्त हो जाती हैं। सोते समय हमारे मुंह में लार जमा हो जाती है, यह धीरे-धीरे टपकना शुरू कर सकती है क्योंकि चेहरे की मांसपेशियों को आराम मिलने से मुंह थोड़ा खुला रह सकता है इसलिए लार गिरने से हमारे पास का तकिया गीला होता है.इसके पीछे का आइये जानते हैं क्या है कारण -

 

रात को सोते समय मुंह से लार गिरने की समस्या कई लोगों को होती है। यह स्थिति सामान्य हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है।जब हम सो रहे होते हैं तो चेहरे की मांसपेशियां और निगलने की क्रियाएं पूरी तरह से सुस्त हो जाती हैं। सोते समय हमारे मुंह में लार जमा हो जाती है, यह धीरे-धीरे टपकना शुरू कर सकती है क्योंकि चेहरे की मांसपेशियों को आराम मिलने से मुंह थोड़ा खुला रह सकता है इसलिए लार गिरने से हमारे पास का तकिया गीला होता है.इसके पीछे का आइये जानते हैं क्या है कारण -

लार गिरने के कारण


 

स्लीपिंग पोजिशन: पेट के बल या बगल में सोने से लार जमा होकर मुंह से बाहर निकल सकती है।

साइनस और नाक की समस्याएं: साइनस की समस्या या बंद नाक के कारण मुंह से सांस लेने की आदत पड़ जाती है, जिससे लार गिर सकती है।

स्लीप एपनिया: यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में कठिनाई होती है, जिससे लार गिरने की समस्या हो सकती है।

ज्यादा लार उत्पादन: कुछ लोगों में लार का उत्पादन सामान्य से अधिक होता है, जिससे सोते समय लार गिर सकती है।

समाधान और रोकथाम

स्लीपिंग पोजिशन बदलें: पीठ के बल सोने की कोशिश करें ताकि लार मुंह में ही रहे।

साइनस और नाक की समस्याओं का इलाज: डॉक्टर से परामर्श लेकर साइनस और नाक की समस्याओं का सही इलाज करवाएं।

स्लीप एपनिया का इलाज: यदि आपको स्लीप एपनिया की समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सही उपचार करवाएं।

लार उत्पादन को नियंत्रित करें: कुछ दवाइयां लार उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
रात को सोते समय मुंह से लार गिरना कई कारणों से हो सकता है। इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज करना सही नहीं है। यदि यह समस्या बार-बार हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। उचित इलाज और सही स्लीपिंग पोजिशन से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।