सिर्फ एक चुटकी अश्वगंधा यौन क्षमता को बढ़ाने में करता है मदद, सेवन से होते है और भी ढेरों फायदे
अश्वगंधा एक तरह की औषधि है, जो कई तरह की लाइलाज बीमारियों में कारगर मानी गयी है। अश्वगंधा का प्रयोग कई रोगों में किया जाता है। अश्वगंधा का प्रयोग मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए किया जाता है। असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। वन में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा की गुणवत्ता अच्छी होती है। तेल निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा ही अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल अश्वगंधा के पत्ते, अश्वगंधा चूर्ण (Ashwagandha Powder) के रुप में किया जाता है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्नीफेरा है और इसे विंटर चैरी और इंडियन गिनसेंग के नाम से जाना जाता है। यह आमतौर पर भारत और उत्तरी अफ्रीका में उगाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में अश्वगंधा के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं..
अश्वगंधा एक तरह की औषधि है, जो कई तरह की लाइलाज बीमारियों में कारगर मानी गयी है। अश्वगंधा का प्रयोग कई रोगों में किया जाता है। अश्वगंधा का प्रयोग मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए किया जाता है। असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। वन में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा की गुणवत्ता अच्छी होती है। तेल निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा ही अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल अश्वगंधा के पत्ते, अश्वगंधा चूर्ण (Ashwagandha Powder) के रुप में किया जाता है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्नीफेरा है और इसे विंटर चैरी और इंडियन गिनसेंग के नाम से जाना जाता है। यह आमतौर पर भारत और उत्तरी अफ्रीका में उगाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में अश्वगंधा के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं..
रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए मजबूत
अगर हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है तो हम बिमारियों से बचे रहते है। अश्वगंधा में ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। जिससे आप मौसमी बीमारियों से भी बच सकते हैं।
तनाव को कम कर डिप्रेशन से रखे दूर
अश्वगंधा कोर्टिसोल हार्मोन को नियंत्रित करता है जो तनाव के स्तर को बढ़ाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अश्वगंधा के इस्तेमाल से 60% तनाव को खत्म किया जा सकता है। ऐसे में नियमित तौर पर एक चुटकी अश्वगंधा का सेवन अवश्य करें।
पेट की बीमारी
अश्वगंधा चूर्ण का सेवन पेट के रोगों से भी आपको छुटकारा दिलाता है। पेट की बीमारी में आप अश्वगंधा चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं। अश्वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में बहेड़ा चूर्ण मिला लें। इसे 2-4 ग्राम की मात्रा में गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
अश्वगंधा पुरुषों के लिए कमाल
अश्वगंधा पुरुषत्व बढ़ाने के लिए रामबांण सिद्ध होता है तथा बांझपन की समस्या से निजात दिलाता है। इसके नियमित सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है। ऐसे में जो व्यक्ति बांझपन की समस्या से ग्रस्त हैं वह नियमित तौर पर अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। एक शोध के मुताबिक जिन पुरुषों ने तनाव को कम करने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया उन लोगों ने बेहतर शुक्रांणु की गुणवत्ता का अनुभव भी किया। ऐसे में नियमित तौर पर दूध के साथ एक चुटकी अश्वगंधा का सेवन करें। रात के समय अश्वगंधा की जड़े के बारीक चूर्ण को चमेली के तेल में अच्छी तरह से घोंटकर लिंग में लगाने से लिंग की कमजोरी या शिथिलता दूर होती है।
ब्लड शुगर को करे नियंत्रित
अश्वगंधा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगार होता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को कम कर डायबिटीज को नियंत्रण में रखता है। तथा कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता है। ऐसे में रोजाना एक चुटकी अश्वगंधा का सेवन अवश्य करें।
कैंसर रोगियों के लिए अधिक लाभदायक
कैंसर रोधी गुणों से भरपूर होने की वजह से अश्वगंधा कैंसर सेल्स को शरीर में फैलने से रोकता है। यह कैंसर जैसी भयावह बीमारी से निजात दिलाने औऱ इनके संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है। कैंसर रोगियों के लिए यह अधिक लाभदायक है, यह शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करता है। जो कैंसर को खत्म करने और कीमियोथेरेपी से होने वाले साइड इफेक्ट को कम करता है।
कोलस्ट्रोल को करे कम
अश्वगंधा में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेंट्र्री गुण मौजूद होते है जो कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने में सहायक होता है। कोलेस्ट्रोल के लेवल को नियंत्रित रखने से दिल संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। नियमित तौर पर इसका सेवन करने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जिससे हार्टअटैक तथा दिल की अन्य बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
सूजन को करता है कम
अश्वगंधा एंटी इंफ्लेमेंट्री गुणों से भरपूर होने की वजह से शरीर में सूजन को कम करता है। एक शोध के मुताबिक यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं में वृद्धि करता है जो शरीर में सूजन को कम करता है तथा शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
शरीर को बनाता है ताकतवर
अगर आपको मांसपेशियों को मजबूत बनाना है और अपने वजन को भी नियत्रण में रखना है तो अश्वगंधा इसमें आपकी मदद कर सकता है। अगर आप खुद को फिट रखने के लिए नियमित तौर पर एख्सरसाइज करते है तो आज से ही अश्वगंधा का सेवन शुरू कर दे।
मस्तिष्क के कार्यक्षमता
अश्वगंधा की उपचार शक्तियां ना केवल शारीरिक लाभ तक सीमित हैं बल्कि यह आपके मस्तिष्क के लिए भी बेहद फायदेमेंद होता है। एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर यह तनाव को कम कर याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है। नियमित तौर पर इसके सेवन से मानसिक बीमारियों के संक्रमण का खतरा कम होता है तथा मस्तिष्क के कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। ऐसे में नियमित पर तौर दूध के साथ अश्वगंधा का सेवन अवश्य करें।
लिवर के लिए लाभकारी
अश्वगंधा लिवर के लिए काफी फायदेमंद होता है। एंटी इंफ्लेमेंट्री और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर यह लिवर से संबंधित बीमारियों के संक्रमण की संभावना को कम करता है तथा इससे निजात दिलाने में मदद करता है। आपको बता दें आयुर्वेद में लिवर में सूजन आने पर अश्वगंधा का औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह लिवर में सूजन को कम करता है। ऐसे में नियमित तौर पर अश्वगंधा का सेवन अवश्य करें।
कैसे करें अश्वगंधा का सेवन
आपको बता दें वैसे आप एक से दो चुटकी अश्वगंधा का सेवन नियमित तौर पर कर सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी बीमारी के इलाज के लिए इसका सेवन करना चाहते हैं तो इसके सेवन से पहले एक बार अपने चिकित्सक से सलाह मशवरा जरुर कर लें। बाजार में आयुर्वेद स्टोर पर अश्वगंधा की कैप्सूल और चूर्ण आसानी से उपलब्ध हो जाता है।