ये लक्षण दिखे तो समझ जाएं COPD की चपेट में आ गए हैं आप, डैमेज हो गए हैं फेफड़े

COPD यानि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों का एक ऐसा रोग (Lung Disease) है, जिसके कारण मरीज सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। इसे काला दमा भी कहते हैं. यह दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। दरअसल सामान्य तौर पर फेफड़े बहुत स्पॉन्जी होते हैं और जब हम सांस के जरिए हवा अंदर लेते हैं, तो इससे ऑक्सिजन हमारे खून के अंदर मिल जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर चली जाती है, लेकिन सीओपीडी की बीमारी इस प्रक्रिया को रोकती है। ऐसे में सीओपीडी के मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन उसके शरीर में पूरी मात्रा में नहीं पहुंच पाती है। 

 

COPD यानि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों का एक ऐसा रोग (Lung Disease) है, जिसके कारण मरीज सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। इसे काला दमा भी कहते हैं. यह दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। दरअसल सामान्य तौर पर फेफड़े बहुत स्पॉन्जी होते हैं और जब हम सांस के जरिए हवा अंदर लेते हैं, तो इससे ऑक्सिजन हमारे खून के अंदर मिल जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर चली जाती है, लेकिन सीओपीडी की बीमारी इस प्रक्रिया को रोकती है। ऐसे में सीओपीडी के मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन उसके शरीर में पूरी मात्रा में नहीं पहुंच पाती है। 

COPD के लक्षण
सांस लेने में परेशानी
पीला या हरा बलगम
कफ, खांसी, जुकाम
सीने में जकड़न
वजन कम होना
हार्ट की समस्याएं
फेफड़ों का कैंसर

COPD क्यों होती है?
COPD एक प्राप्त बीमारी है जो हमलोगों की बुरी आदतों के कारण विकसित होती है। अगर हम पुरुषों की बात करें तो पुरुषों में COPD होने का सबसे बड़ा कारण है धूम्रपान या उनके ऐसे किसी बिजनेस में सम्मिलित होना जहां धूल या प्रदूषण का बहुत ज्यादा एक्सपोज़र है। अगर हम औरतों की बात करें तो जो महिलाएं गांव में चूल्हे पर खाना बनाती हैं उनके COPD होने का कारण है चूल्हे का धुआं। अगर हम COPD और धूम्रपान की बात करें तो COPD सीधे संबंधित है धूम्रपान से। इसका मतलब है हम जितना ज्यादा धूम्रपान करेंगे उतना ज्यादा चांस है COPD होने का।  धूम्रपान के किसी भी प्रकार से चाहे वह बीड़ी हो या सिगरेट हो या हुक्का हो वह COPD डेवेलप कर सकता है। 

यह देखने का कारण है कि टोबैको का फॉर्म कितना क्रूड है। जैसे बीड़ी पीने से COPD के चांस बढ़ जाते हैं, सिगरेट में थोड़े कम चांस हैं और हुक्का पीने से चांस और बढ़ जाते हैं। हर धूम्रपान करने की वस्तु से हमें COPD हो सकती है। ये इस पर निर्भर करेगा कि कितना धूम्रपान हमने किया है। 

उसके हिसाब से COPD होने के चांस बढ़ जाएंगे। एक उम्र के साथ हमारे फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है। यह एक स्वाभाविक घटना है जो हर इंसान के शरीर में होती है। अगर हम धूम्रपान करते हैं तो यह घटना की गति बढ़ जाती है जिसके कारण हमारे फेफड़ों की क्षमता जल्दी ही बिगड़ जाती है और उसके जल्दी ही बिगड़ने से हमें COPD के लक्षण दिखने लगते हैं। 

जिन लोगों को सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) की बीमारी होती है, उन्हें आगे चलकर दिल से जुड़ी बीमारियां (Heart Disease), फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) के साथ ही अन्य कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोग पूछते हैं कि COPD डेवेलप हो जाने पर धूम्रपान छोड़ना चाहिए कि नहीं। 

क्या बिल्कुल छोड़ना पड़ता है धूम्रपान ?
इसका जवाब यही रहेगा कि हां हमें धूम्रपान बिल्कुल छोड़ना चाहिए। क्योंकि धूम्रपान छोड़ने से हमारे फेफड़ों के डिटीरियट करने की जो स्पीड है वह स्पीड कम हो जाएगी, जिसके कारण फेफड़ों का फंक्शन जो फॉल कर रहा था धूम्रपान करने के कारण, वह तुलनात्मक रूप से कम फॉल करेगा, जो फेफड़ों का फंक्शन पहले ही धूम्रपान करने के कारण जा चुका है, वह वापस लौट के नहीं आएगा, लेकिन हां आगे फॉल होने की जो स्पीड होगी, वह निश्चित रूप से फॉल हो जाएगी। 

अगर कोई भी वृद्ध व्यक्ति या कोई भी मध्यम आयु के व्यक्ति ऐसे किसी जगह काम करते हैं जहां उनको धूल और धुआं का एक्सपोजर है तो उन लोगों को आकर अपने किसी स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए और उनको अगर COPD है तो उनको आगे जाकर COPD की जो दवाइयां हैं वह लेना पड़ेगा और धूम्रपान को छोड़ना होगा।