कैसे पता चलेगा बच्चे के पेट में कीड़े हैं या नहीं, ऐसे दूर कर सकते हैं ये दिक्कत
बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर हो, हाइजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है, मैला पानी पीने पर या फिर कुछ सड़ा-गला खा लेने पर पेट के कीड़ों की दिक्कत हो सकती है। पेट की कीड़े कई अलग-अलग तरह के हो सकते हैं जैसे पिनवॉर्म, व्हिपवॉर्म, टेपवॉर्म या फिर फ्लुक्स आदि। इन पेट के कीड़ों को पहचानकर जल्द से जल्द जरूरी सावधानी बरतने पर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे में आइये जानते हैं कैसे पहचानें बच्चे के पेट में कीड़े हैं या नहीं और अगर कीड़े हैं तो इन कीड़ों से किस तरह छुटकारा पाया जा सकता है-
बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर हो, हाइजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है, मैला पानी पीने पर या फिर कुछ सड़ा-गला खा लेने पर पेट के कीड़ों की दिक्कत हो सकती है। पेट की कीड़े कई अलग-अलग तरह के हो सकते हैं जैसे पिनवॉर्म, व्हिपवॉर्म, टेपवॉर्म या फिर फ्लुक्स आदि। इन पेट के कीड़ों को पहचानकर जल्द से जल्द जरूरी सावधानी बरतने पर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे में आइये जानते हैं कैसे पहचानें बच्चे के पेट में कीड़े हैं या नहीं और अगर कीड़े हैं तो इन कीड़ों से किस तरह छुटकारा पाया जा सकता है-
पेट में कीड़े होने के लक्षण
पेट में अगर कीड़े हैं तो पेट में हर वक्त दर्द महसूस होगा और ऐंठन होगा।
आंतों में अगर कीड़े हैं तो डायरिया, उल्टी, जी मिचलाना जैसी परेशानी रहती है।
कुछ भी खाने पर पेट में गैस बन जाता है और पेट में दर्द शुरू हो जाता है।
इसके अलावा यूरीन और स्टूल एरिया में खुजली की समस्या भी रहती है।
बच्चों के साथ साथ बड़ों में भी हर वक्त थकान सा अनुभव होता है।
पेट में कीड़े होने की वजहें
क्लेवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, इंटेस्टाइनल पैरासाइट इंफेक्शन मुख्य रूप से 3 वजहों से होता है। अगर आप पीने या सफाई आदि के लिए संक्रमित पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं, संक्रमित पानी से खाने की चीजें धो रहे हैं या खाना पका रहे हैं, अगर आप बिना पका खाना या सलाद आदि खा रहे हैं, अगर बच्चा बार बार मुंह में उंगली डाल रहा है या नंगे पैर संक्रमित मिट्टी पर चलता है तो ये पेट में कीड़े होने की वजह बन सकते हैं।
पेट में कीड़ा होना क्यों खतरनाक
अगर पेट में कीड़े हो गए हैं तो इससे इम्यून सिस्टम वीक होगा, कुपोषण की समस्या होगी, आयरन की कमी और पेट में हर वक्त समस्या बनी रहेगी, इसके अलावा, भूख ना लगना जैसे परेशानी भी हो सकती है। यही नहीं, पेट में अगर टेप वर्म लंबे समय तक रह गया तो यह ब्रेन, आंखें, हार्ट, लंग्स या लिवर में ट्रैवल कर सकता है और इन ऑर्गन को बुरी तरह डैमेज कर सकता है
इसलिए डॉक्टर की सलाह पर समय समय पर डीवर्मिंग कराना जरूरी है। यही नहीं, हाइजीन का ख्याल रखें, खान पान में उन चीजों को शामिल करें जो पेट के कीड़ों को खत्म करने का काम करे।