Health: पीरियड्स बंद होने के बाद रखें ध्यान, डॉक्टर ने बताया हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां
महिलाओं में बढ़ती बीमारियां वाकई चिंता का विषय हैं और बढ़ती उम्र में ये खतरा और भी ज्यादा हो जाता है। वहीं पोस्ट-मेनोपॉज यानी मासिक धर्म बंद होने का फेज। 45 से 50 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट डिजीज के साथ कई गंभीर बीमारियां पनपने का जोखिम रहता है। इसके अलावा स्ट्रेस, सामाजिक दबाव जैसे भी कई फैक्टर होते हैं जो महिलाओं में शारीरिक और मानसिक रोगों की वजह बनते हैं। डॉक्टर महिलाओं को नियमित चेकअप करवाते रहने की सलाह देते हैं. मोनोपॉज के बाद खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।खान-पान में लापरवाही या हल्के संकेतो पर ध्यान न देना काफी गंभीर हो सकता है।
महिलाओं में बढ़ती बीमारियां वाकई चिंता का विषय हैं और बढ़ती उम्र में ये खतरा और भी ज्यादा हो जाता है। वहीं पोस्ट-मेनोपॉज यानी मासिक धर्म बंद होने का फेज। 45 से 50 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट डिजीज के साथ कई गंभीर बीमारियां पनपने का जोखिम रहता है। इसके अलावा स्ट्रेस, सामाजिक दबाव जैसे भी कई फैक्टर होते हैं जो महिलाओं में शारीरिक और मानसिक रोगों की वजह बनते हैं। डॉक्टर महिलाओं को नियमित चेकअप करवाते रहने की सलाह देते हैं,मोनोपॉज के बाद खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।खान-पान में लापरवाही या हल्के संकेतो पर ध्यान न देना काफी गंभीर हो सकता है।
पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं को अपनी सेहत का और भी ज्यादा ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक, इस उम्र के बाद महिलाओं को कुछ ऐसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिनके बारे में समय पर पता न लगने से जान जाने का जोखिम भी बन जाता है। पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं में दिल की बीमारियों समेत शुगर, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों से जुड़ी समस्या), स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर), रसौली (यूट्रस में गांठ बनना), जैसी गंभीर बीमारियां काफी देखने में आती हैं।
क्या होती है वजह
डॉक्टरों की माने तो पीरियड्स बंद होने पर मानसिक परेशानी जैसे ज्यादा स्ट्रेस लेना और सामाजिक दबाव की वजह से महिलाओं में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। जिसकी वजह से उनमें रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। डॉक्टर कहती हैं कि महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा रहना भी बेहद जरूरी है। डिप्रेशन जैसे मेंटली डिजीज भी महिलाओं की हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।
ऐसी लेनी चाहिए डाइट
महिलाओं में पनपने वाली बीमारियों की बात करें तो दिल के रोगों से बनचे के लिए हेल्दी फैट लेना बेहद जरूरी होता है। जिसके लिए फल, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, जैसी चीजें खाना शुरू कर सकती हैं। साथ ही इस उम्र में आकर हड्डियों के रोग देखने को मिलते हैं, इसलिए डाइट में डेयरी प्रोडक्ट शामिल करने चाहिए ताकि कैल्शियम की कमी पूरी हो सके।
डॉक्टर देते हैं ये सलाह
महिलाओं को नियमित चेकअप करवाने के साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए। हेल्दी डाइट के साथ नियमित एक्सरसाइज, योगा को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं। इससे आप न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रोगों के खतरों से भी बची रहेंगी।