इन आसान तरीको से PCOD या PCOS की परेशानी से पाए छुटकारा

आजकल की भागती दोड़ती जिन्दगी में किसी के पास समय नहीं है। जिस वजह से उसे कई बीमारियों की समस्याए हो जाती है जिनसे वह दवाइयों का आदि बन जाता है और ऐसी ही एक बीमारी है वह PCOD या PCOS। आजकल यह परेशानी हर 10 में से 8 महिला को है। जिसकी जानकारी समय पर पता न चलने पर यह समस्या और भी बढ़ जाती है,जिसकी वजह से लोग अटकले लगाने लग जाते है की वह माँ बनने वाली है पर असल बात तो वह खुद भी नहीं जानती है। यह समस्या बढ़ जाये तो माँ बनाना महिला के लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जरूरी है की आप समय पर चेकअप कराए नहीं तो समस्या और भयंकर रूप ले सकती है जिसका परिणाम भी गंभीर हो सकता है। तो आइये जानते है इस बीमारी के लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय के बारे में..

 

आजकल की भागती दोड़ती जिन्दगी में किसी के पास समय नहीं है। जिस वजह से उसे कई बीमारियों की समस्याए हो जाती है जिनसे वह दवाइयों का आदि बन जाता है और ऐसी ही एक बीमारी है वह PCOD या PCOS। आजकल यह परेशानी हर 10 में से 8 महिला को है। जिसकी जानकारी समय पर पता न चलने पर यह समस्या और भी बढ़ जाती है,जिसकी वजह से लोग अटकले लगाने लग जाते है की वह माँ बनने वाली है पर असल बात तो वह खुद भी नहीं जानती है। यह समस्या बढ़ जाये तो माँ बनाना महिला के लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जरूरी है की आप समय पर चेकअप कराए नहीं तो समस्या और भयंकर रूप ले सकती है जिसका परिणाम भी गंभीर हो सकता है। तो आइये जानते है इस बीमारी के लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय के बारे में..

कारण

“पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम” या “पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है जो आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण पाई जाती है। -यह समस्या मोटापे की वजह से भी हो सकती है।

ज्यादा तैलयुक्त भोजन का उपयोग करने से भी यह समस्या होती है।

मधुमेह या उच्च रक्त चाप होने की वजह से भी यह समस्या हो जाती है।

लक्षण

कुछ ऐसे संकेत हैं, जो इस बीमारी की तरफ इशारा करते हैं

वज़न बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, शरीर व चेहरे पर एक्सट्रा बालो की विकास होना, मुहांसों व तैलीय त्वचा की समस्या अचानक से होना, बालों का झड़ना, होना, ओवरी पर कई सिस्ट होना। ये कंडिशन ज़्यादा गंभीर होने पर महिला को गर्भवती होने में भी मुश्किल होती है।

दूर करने के उपाय

दालचीनी
ये आपके अनियमित पीरियड की समस्या को दूर करने में बड़ी मददगार होती है। एक टीस्पून दालचीनी का पाउडर गरम पानी में मिला कर पी लें। इसे ओटमील, दही या चाय में मिला कर भी पीया जा सकता हैं। इसका सेवन रोज करें।

मेथीदाना
ये होर्मोंस को संतुलित करने, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है और साथ ही वज़न कम करने में भी कारगर होता है। तीन टीस्पून मेथीदाने को पानी में 7-8 घंटे के लिए भिगो दें। फिर सुबह खाली पेट एक टीस्पून भीगा हुआ मेथीदाना शहद के साथ मिलाकर खा लें।

अलसी
शरीर में एंड्रोजन के स्तर को कम करने के साथ ही, कोलेस्ट्रॉल, बीपी को भी कम करती है व दिल की बीमारियों को होने से रोकती है। 1-2 टेब्लस्पून ताज़ी पीसी हुई अलसी को पानी में मिला कर पी लें। इसे रोजाना तब तक पिए।