अपनी डाइट में शामिल करें ये 9 आहार, होगी मजबूत हड्डियां
शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए पोषक तत्वों की भरपाई होना बहुत जरूरी हैं अन्यथा कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। आज इस कड़ी में हम बात कर रहे हैं हड्डियों के मजबूती की जिसके लिए विटामिन-डी और कैल्शियम मुख्य रूप से जरूरी तत्व हैं। शरीर में इन तत्वों की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स, बोन कैंसर, हड्डियों में इंफेक्शन जैसी कई परेशानियां सामने आ सकती हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार के रूप में डाइट में ऐसी चीजों को शामिल किया जाना चाहिए जो कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर हो। आइये जानते हैं ऐसे आहार के बारे में-
शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए पोषक तत्वों की भरपाई होना बहुत जरूरी हैं अन्यथा कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। आज इस कड़ी में हम बात कर रहे हैं हड्डियों के मजबूती की जिसके लिए विटामिन-डी और कैल्शियम मुख्य रूप से जरूरी तत्व हैं। शरीर में इन तत्वों की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स, बोन कैंसर, हड्डियों में इंफेक्शन जैसी कई परेशानियां सामने आ सकती हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार के रूप में डाइट में ऐसी चीजों को शामिल किया जाना चाहिए जो कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर हो। आइये जानते हैं ऐसे आहार के बारे में-
चिया सीड्स
अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो गई हैं, हड्डियों में दर्द रहता है तो आप चिया सीड्स का सेवन कर सकते हैं। चिया के बीजों में कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा चीया सीड्स में प्रोटीन, जिंक और विटामिन बी भी होता है। आप चिया सीड्स को स्मूदी, दही आदि में डालकर खा सकते हैं। इसके अलावा चिया सीड्स का पानी भी पी सकते हैं। इससे हड्डियों की कमजोरी धीरे-धीरे दूर होने लगेगी।
सेब
सेब शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसलिए कई हेल्थ एक्सपर्ट रोजाना एक सेब खाने की सलाह देते हैं। इसमें कैल्शियम और विटामिन सी भरपूर रूप से मौजूद होता है। यह दोनों तत्व शरीर में कोलेजन के निर्माण और हड्डियों के नए टिश्यूज के निर्माण में आपकी मदद कर सकते हैं। अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं, तो नियमित रूप से अपने आहार में 1 सेब को जरूर शामिल करें।
डेयरी प्रोड्क्ट
डेयरी उत्पादों (दूध, दही, पनीर) में विटामिन-डी और कैल्शियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। डेयरी उत्पादों में प्रोटीन की अधिकता होती है। इसे शरीर निर्माण का पूरक माना जाता है। यह चोट, जख्म और घावों को भरने में दवा की तरह काम करता है। इसके लिए अपनी डाइट में डेयरी प्रोड्क्ट को जरूर शामिल करें।
तिल के बीज
तिल के बीजों का उपयोग अधिकतर घरों में किया जाता है। हड्डियों की कमजोरी ठीक करने के लिए भी आप तिल के बीजों का सेवन कर सकते हैं। आप तिल के लड्डू बनाकर खा सकते हैं। या फिर इन्हें स्प्राउट्स, दूध आदि में मिलाकर ले सकते हैं। दरअसल, तिल के बीजों में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन बी1 पाया जाता है। ये पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
पालक
हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। ये हड्डियों और दांतों के विकास में मदद कर सकता है। एक कप पका हुआ पालक शरीर को उसकी दैनिक कैल्शियम की आवश्यकता का लगभग 25% प्रदान कर सकता है। फाइबर से भरपूर पत्तियों में विटामिन ए और आयरन भी भरपूर मात्रा में होता है।
अजवाइन के बीज
अधिकतर लोग अजवाइन का सेवन पाचन को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। अजवाइन गैस और कब्ज से छुटकारा दिलाता है। लेकिन आप हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए भी अजवाइन का सेवन कर सकते हैं। अजवाइन के बीजों में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
सोयाबीन
यह प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत माना जाता है, इसलिए सोयाबीन को किसी न किसी रूप में हमारे आहार में शामिल करना चाहिए। कोलंबिया में मिसौरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि सोया आधारित उत्पादों का सेवन हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
अंगूर का जूस
अंगूर का जूस पीने से शरीर को अनेकों फायदे मिलते हैं। अंगूर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी और कैल्शियम आदि पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। अंगूर में मौजूद विटामिन सी हड्डियों के कोलेजन निर्माण में बहुत जरूरी होता है। कई अध्ययन और शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि अंगूर का जूस पीने से आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और कई अन्य फायदे भी मिलते हैं।
अंडा
अंडे सस्ता और आसानी से मिल जाता है। इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। अंडे में प्रोटीन होता है। शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम होने से हड्डियों के विकास में परेशानी हो सकती है। आप इसे डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं। आप इसे उबालकर या ओमलेट के रूप में खा सकते हैं।