सर्दी - सेहत और स्वाद : सब्जी से लेकर सलाद तक उपयोग होती है पत्तागोभी, आंखे, हड्डियों, बीपी में है बेहद फायदेमंद
भारत की हर रसोई में पत्ता गोभी को सब्जी या सलाद के रूप में खूब उपयोग होता है। ये शरीर के लिए बेहद गुणकारी बताया गया है। इसके सेवन से शरीर का पाचन सिस्टम तो दुरुस्त रहता ही है, साथ ही वजन घटाने में कारगर मानी जाती है। भारत के लिए यह विदेशी सब्जी है, लेकिन देश में खूब खाई जाती है। सर्दी के मौसम में इसकी उपज शानदार है।
भारत की हर रसोई में पत्ता गोभी को सब्जी या सलाद के रूप में खूब उपयोग होता है। ये शरीर के लिए बेहद गुणकारी बताया गया है। इसके सेवन से शरीर का पाचन सिस्टम तो दुरुस्त रहता ही है, साथ ही वजन घटाने में कारगर मानी जाती है। भारत के लिए यह विदेशी सब्जी है, लेकिन देश में खूब खाई जाती है। सर्दी के मौसम में इसकी उपज शानदार है।
पत्ता गोभी एक, स्वाद हैं अनेक
पत्ता गोभी जिसे बंद गोभी और कहीं कहीं करमकल्ला भी कहा जाता है। भारत में यह सब्जी, कच्ची या सलाद के रूप में खाई जाती है, लेकिन अनके देशों में इसका सूप, सॉस, अचार, ब्रेज्ड खास तरह की नॉनवेज डिश के अलावा उबालकर भी खाया जाता है इसे स्पेशल डिश के रूप में सॉकरक्राट जर्मनी में बनाई जाने वाली खट्टी गोभी की डिश और किमची कोरियाई अचार के अलावा कोलेस्लॉ नीदरलैंड का पारंपरिक सलाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इन्हीं विशेषताओं के चलते पूरी दुनिया में तो यह उगाई और खाई जाती है। पूरे विश्व में फास्ट या जंक फूड और कॉन्टिनेंटल फूड में इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है।
पुर्तगाली सौदागर इसे भारत में लेकर आए
फूड हिस्टोरियन मानते हैं कि पत्ता गोभी का इतिहास बेहद प्राचीन है और यह 4000 ईसा पूर्व धरती पर उगना शुरू हो गई थी। इसकी उत्पत्ति को लेकर दो विचारधाराएं हैं। एक का मानना है कि इसकी उत्पत्ति सबसे पहले भूमध्यीय सागर से जुड़े देशों में हुई। इनमें 21 देश प्रमुख हैं, जिनमें अल्बानिया, अल्जीरिया, बोस्निया, क्रोएशिया, साइप्रस, मिस्र, ग्रीस, इटली, मोरक्को, ट्यूनीशिया आदि शामिल है। दूसरी ओर अमेरिकी-भारतीय वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी का कहना है कि पत्ता गोभी की उत्पत्ति सबसे पहले चीन व दक्षिण पूर्वी एशिया में हुई, जिनमें ताइवान, मलेशिया, विएतनाम आदि देश शामिल हैं।
इस शताब्दी में भारत में आया पत्तागोभी
सैंकड़ों वर्षों तक पत्ता गोभी का बहुत तेजी से प्रचार-प्रसार नहीं हुआ। 14वीं शताब्दी में यह इंग्लैंड में दिखाई दी। उसके बाद यह अमेरिका में दिखाई दी। माना जाता है कि पुर्तगाली सौदागर भारत में (1400 से 1700 शताब्दी के बीच) बंदगोभी को लेकर आए। जापान में तो यह 18वीं शताब्दी के अंत में पहुंची, आज चीन बंदगोभी का सबसे बड़ा उत्पादक है, उसके बाद भारत और रूस में इसे उगाया जाता है।
बैंगनी पत्ता गोभी में पोषक तत्व ज्यादा होते हैं
पत्ता गोभी में खूब पोषक तत्व पाए जाते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी के अनुसार 100 ग्राम पत्ता गोभी में नमी 91 ग्राम, कैलोरी 27, प्रोटीन 1.8 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 4.6 ग्राम, फेट 0.1 ग्राम, मिनरल 0.6 ग्राम, फाइबर 1.0 ग्राम, केल्शियम 39 मिलीग्राम, मेग्नीशियम, 10 मिलीग्राम, ऑक्सेलिक एसिड 3 मिलीग्राम, फास्फोरस 44 मिलग्राम, सोडियम 14 ग्राम, पोटेशियम 114, सल्फर 67 मिलग्राम, विटामिन सी 124 मिलीग्राम व विटामिन ए के अलावा अन्य पोषक तत्व मिलते हैं।
बैंगनी पत्तागोभी मोटापा कम करने में भी मदद करती है
अब तो बैंगनी रंग की भी पत्ता गोभी भी पैदा होने लगी है। इसमें पोषक तत्व सामान्य गोभी से अधिक है। फूड एक्सपर्ट के अनुसार यह शरीर का पाचन सिस्टम दुरुस्त करती है। चूंकि इस गोभी में कैलोरी व कार्बोहाइड्रेट कम होता है, इसलिए वजन घटाने में यह कारगर है। इसको खाने से पेट भरा-भरा लगेगा। यही भरापन मोटापा कम करने में काम आता है।
आंख, स्किन का रखती है ख्याल
पत्ता गोभी में विटामिन ए व विटामिन ए (बीटा-कैरोटीन) भी पाया जाता है। इसलिए यह आंखों का ख्याल रखती है। यानी आंखों की रोशनी को बनाए रखती है। इसका सेवन मोतियाबिंद की आशंका को कम कर देगा। यही पोषक तत्वों के कारण यह स्कीन का ग्लो भी बनाए रखती है। जिस कारण बढ़ती उम्र का प्रभाव कम हो जाता है। बंदगोभी में ग्लूटामिन (प्रोटीन बनाने वाला विशेष एसिड) भी होता है जिसके चलते यह विभिन्न प्रकार की सूजन, जलन, जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से मानसिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहेगा साथ ही एकाग्रता भी बढ़ती है।