गॉलब्लेडर स्टोन हो सकता है खतरनाक, जानिए कारण, लक्षण और उपाय 

आज कल लोगों में स्टोन की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। किडनी में स्टोन, पित्त की थैली में स्टोन, हालांकि किडनी का स्टोन अगर छोटा होता है तो दवा से इलाज कर उसको एकबार निकाला जा सकता है, लेकिन अगर आपको गॉल ब्लेडर में स्टोन की समस्या है तो उसका एकमात्र इलाज सिर्फ ऑपरेशन ही है। गॉल स्टोन की समस्या को लेकर जब हमने ओपल हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रमोद कुमार राय से बात की, तो उन्होंने गॉल स्टोन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि गॉल ब्लेडर शरीर का ही एक अंग हैं, जो हमारे पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने का काम करता है। लीवर से एक नली आती है जो गॉल ब्लेडर से जुड़ा होता है। लीवर से निकलने वाला रस उसी नली से गॉल ब्लेडर में आता है जो हमारी पाचन क्रिया में सहायक होता है।  

 

आज कल लोगों में स्टोन की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। किडनी में स्टोन, पित्त की थैली में स्टोन, हालांकि किडनी का स्टोन अगर छोटा होता है तो दवा से इलाज कर उसको एकबार निकाला जा सकता है, लेकिन अगर आपको गॉल ब्लेडर में स्टोन की समस्या है तो उसका एकमात्र इलाज सिर्फ ऑपरेशन ही है। गॉल स्टोन की समस्या को लेकर जब हमने ओपल हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रमोद कुमार राय से बात की, तो उन्होंने गॉल स्टोन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि गॉल ब्लेडर शरीर का ही एक अंग हैं, जो हमारे पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने का काम करता है। लीवर से एक नली आती है जो गॉल ब्लेडर से जुड़ा होता है। लीवर से निकलने वाला रस उसी नली से गॉल ब्लेडर में आता है जो हमारी पाचन क्रिया में सहायक होता है।  

कैसे बनता है स्टोन 
डॉक्टर प्रमोद राय ने बताया कि पित्त की थैली में तीन तरह का स्टोन बनता है। जिसमें कोलेस्ट्रॉल स्टोन और पिग्मेंट स्टोन होता है, इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल और पिग्मेंट स्टोन मिक्स रूप में होता है। आपको बता दें कि पिग्मेंट स्टोन की समस्या बच्चों में ब्लड की कमी की वजह से होती है। ज्यादातर लोगों में कोलेस्ट्रॉल स्टोन की समस्या देखने को मिलती है। बताया कि स्टोन की समस्या जब ज्यादा खतरनाक हो जाती है तो उसे प्रेंकिटाइटिस कहते हैं, जो खतरनाक होता है और कभी कभी जानलेवा भी हो जाता है। जल्दी ऑपरेट नहीं करने पर यह फट भी जाता है और कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। 

क्या है इलाज 
आपको बता दें कि गॉल स्टोन का दो तरह से इलाज होता है पहला सिमटमेटिक और दूसरा ऑपरेशन। आज के समय में ओपन ऑपरेशन की जगह ज्यादातर लेप्रोस्कोपिक को वरीयता दी जाती है। जब कॉम्प्लिकेशन ज्यादा होता है जैसे मवाद आना, गॉल ब्लेडर फट जाता है तब ओपन ऑपरेशन किया जाता है। वहीं जब नली में स्टोन फंस जाता है तो उसका इलाज इआरसीपी से किया जाता है, जब स्टोन ज्यादा बड़ा होता है तो ओपन और लेप्रोस्कोपिक के द्वारा ऑपरेट करके निकाल दिया जाता है। हालांकि ऑपरेशन के बाद मरीज को ऑयली चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। 

महिलाओं में ज्यादा होती है समस्या 
डॉक्टर की मानें तो महिलाओं में स्टोन का केस ज्यादा देखने को मिलते हैं, जबकि पचास साल की आयु वाले पुरुषों और महिलाओं में गॉल स्टोन ज्यादा देखने को मिलता है। गॉल ब्लेडर स्टोन को ऑपरेट कराने के बाद किसी किसी में कुछ समस्याएं देखने को मिलती हैं और किसी में तो कुछ भी पता नहीं चलता है कि उनका ऑपरेशन भी हुआ है। इस लिए अगर आपको भी गॉलस्टोन की समस्या है तो तुरंत अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट करें और जरुरी इलाज कराएं। 

देखें वीडियो 

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