बच्चों में डायरिया : कारण, लक्षण और बचाव 

 

गर्मियों के दिनों में अक्सर बच्चे डायरिया के शिकार हो जाते हैं। इस बीमारी की चपेट से हर साल सैकड़ों बच्चों को मौत हो जाती है। डायरिया की बीमारी में बच्चों और बड़ों को दस्त और उल्टियों की शिकायत होती है। जिसकी वजह से अत्याधिक शारीरिक कमजोरी आने लगती है। समय से डायरिया का इलाज न होने पर रोगी की मृत्यु तक हो सकती है। आपको बता दें कि बच्चों में डायरिया रोटा वायरस के कारण होता है। इस बीमारी के बारे में जामिया हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अहमदुल्ला अंसारी ने बताया कि डायरिया होने पर ओआरएस और जिंक जरूर देना चाहिए। साथ ही साफ सफाई और हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।  

डॉ. अहमदुल्ला ने बताया कि जब बच्चे को 4 से 5 बार लगातार दस्त हो जाये तो समझ जाना चाहिए कि बच्चे को डायरिया हो गया है। ऐसे में चाहिए की सबसे पहले बच्चे को नमक, चीनी का घोल और ओआरएस का घोल देना शुरू करें और तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास लें जाएँ। 

वहीं डॉक्टर की माने तो गर्मी से बच्चे को बचाना बहुत जरूरी है। अगर रोज की अपेक्षा वो दिन में एक बार की जगह 4 बार उसे पॉटी हो रही है तो इस परिवर्तन को नोटिस करते हुए डॉक्टर से जरूर मिलें। वहीं अगर बच्चे को पतली दस्त हो रही हो तो उसे ओआरएस का  घोल या नमक चीनी का पानी बच्चे को दें। 

ये तो हो गयी डॉक्टर की बात लेकिन इन सब के आलावा हमे ये ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है कि बच्चे को अधिक गर्म या नमीयुक्त वातावारण के साथ दूषित खानपान से दूर रखें। वहीं जिस पानी का उपयोग करे वो साफ होना चाहिए। मां हमेशा बच्चे को हाथ धुल कर और बच्चे का भी हाथ धुला कर ही उसे कुछ खाने को दे,और  हाइजीन का खास ख्याल रखें।

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