महाराज जी के वॉरियर्स : पूरे चुनावी अभियान में भी नहीं तोड़ा अनुशासन, विपक्ष पर हमले में भी ध्यान रखी मर्यादा
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का शोर अब थम गया है। दावों और वादों का सिलसिला भी अब पूरा हो चुका है। बारी परिणाम की है। लेकिन, जब-जब इस चुनाव की बात होगी, तब-तब उन सोशल मीडिया वॉरियर्स की भी चर्चा होगी, जिन्होंने तमाम पाबंदियों के बीच मोर्चा संभालते हुए पर्दे के पीछे से 'खामोशी' के साथ पूरे चुनावी कैंपेन को आगे बढ़ाया।
नहीं लांघी मार्यादा
वैसे तो सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों की टीम काफी एग्रेसिव मोड में कैंपेनिंग करती है। फिर चाहे बात बीजेपी की हो, कांग्रेस की या समाजवादी पार्टी की, सभी की अपनी सोशल मीडिया टीम है जो विरोधियों को पटखनी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती। मगर हम बात कर रहे हैं एक ऐसी सोशल मीडिया टीम की जिसने पूरे चुनावी कैंपेन के दौरान कभी भी अपनी मर्यादा को नहीं लांघा।
खुद महाराज जी से मिली थी हिदायत
गोरखपुर से संचालित हुई इस टीम के गुरु गोरक्षनाथ पीठ से जुड़ा होने के कारण अनुशासन में बंधकर ही अपना पूरा कैंपेन चलाया। ये टीम रही 'महाराज जी की अपनी टीम'। 'साइलेंट वॉरियर्स' की तरह काम करने वाली इस टीम ने दिन-रात की कड़ी मेहनत से पूरे चुनावी अभियान को प्रभावी रूप से चलाया और सरकार की उपलब्धियों को घर-घर तक सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से और विभिन्न मंचों से पहुंचाया। विपक्षियों पर पलटवार भी किया तो उसमें भी मर्यादा का ध्यान हमेशा रखा, ऐसा इसलिए क्योंकि खुद 'महाराज जी' की ओर से अनुशासन और मर्यादा की हिदायत दी जाती रही है।
सीएम की पर्सनल टीम ने गोरखपुर से ही मोर्चा संभाला था
प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने के साथ ही कोरोना की तमाम पाबंदिया भी लागू हो गई थीं। सरकार की सोशल मीडिया और पीआर टीम के 'हाथ' बंध चुके थे। रैली व रोड शो पर लगी रोक ने चुनाव प्रचार की रफ्तार धीमी कर दी। इन विषम परिस्थितियों के बीच सीएम योगी की पर्सनल सोशल मीडिया टीम ने गोरखपुर से ही मोर्चा संभाला। गोरखपुर में दो कमरे से अब पूरे प्रदेश का चुनावी माहौल तय होने लगा।
सीएम योगी ने चुनाव प्रचार के लिए जितनी मेहनत जनता के बीच जा कर की, उतनी ही शिद्दत के साथ उनकी पर्सनल सोशल मीडिया टीम दिन-रात उनके अभियान को गोरखपुर से धार देती रही।
विकास कार्यों पर रहा मुख्य फोकस
जहां मुख्यमंत्री ने एक एक दिन में 5 से 6 रैलियां की, मुख्यमंत्री योगी की पर्सनल टीम ने भी तैयारी उसी हिसाब से की। जिस भी विधानसभा में दौरे होते, उनके ट्वीट में विधानसभा एवं जिलेवार विकास कार्यों का जिक्र होता है। जो सीधे आम जन से जुड़ा हुआ है। योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उनकी व्यक्तिगत टीम द्वारा रचे गए इस 'चक्रव्यूह' को तोड़ने में विपक्ष असमर्थ रहा है। अनुभवी नेतृत्वकर्ता और कुशल रणनीतिकारों से लैस इस टीम ने विपक्ष के हर वार का बखूबी पलटवार किया।
विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा
विपक्ष ने फ्री बिजली का वादा किया तो उनके कार्यकाल में प्रदेश के अंधकार को इस टीम ने उन्हें याद भी दिलाया। डिंपल यादव ने जब सीएम योगी के भगवा कपड़े पर तंज कसा तो उसका जवाब 'मैं भी भगवाधारी' से दिया गया, जो ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग में रहा।
ओवैसी से भी 'भिड़ी' योगी की टीम
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के 'बाबा बाय-बाय' वाले ट्वीट का जवाब कुछ इस अंदाज में दिया गया था, "15 मिनट के लिए पुलिस हटवाने की बात करने वालों! हाय-बाय तक तो ठीक है, लेकिन इस बात का ध्यान रहे! ये 'नया उत्तर प्रदेश' है, जहां सार्वजनिक तौर पर दंगाइयों के पोस्टर लगते हैं और उनकी संपत्ति कुर्क होती है और वे बाद में 'हम सुधर गए हैं' की तख्ती लेकर भी घूमते हैं।" बात यहीं खत्म नहीं हुई। 'गजवा-ए-हिन्द' का सपना देखने वाले 'तालिबानी सोच' के 'मजहबी उन्मादियों' को भी बखूबी जवाब दिया गया।
मायावती को बताया गोरक्षपीठ की महिमा
बसपा प्रमुख ने जब गोरक्षपीठाधीश्वर और मठ पर सवाल उठाए तो सोशल मीडिया पर उन्हें भी करारा जवाब मिला और लिखा, बहन जी! बाबा गोरखनाथ जी की तपोभूमि गोरखपुर स्थित श्री गोरक्षपीठ में ऋषियों-संतों एवं स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिवीरों की स्मृतियों को संजोया गया है। हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिर हैं। 'सामाजिक न्याय' का यह केन्द्र सबके कल्याण हेतु अहर्निश क्रियाशील है। कभी आइए, शांति मिलेगी।
सीएम योगी की सोशल मीडिया की टीम विपक्षियों को आईना दिखाने के साथ ही लोगों को यह भरोसा दिलाने में सफल हुई कि 'फिर आ रहे महाराज जी'। सोशल मीडिया के माध्यम से यह संदेश घर-घर तक पहुंचा है।
टीम में जुड़े हैं दिग्गज
मुख्यमंत्री की पर्सनल सोशल मीडिया टीम से नाम न बताने की शर्त पर एक सदस्य ने बताया कि लगभग 15 लोगों की इस टीम में विश्विद्यालय के प्राध्यापक, अनेक पूर्व पत्रकार व कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव, मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स तथा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के साथ ही दशकों तक गोरखनाथ मंदिर से जुड़े ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने 24 घंटे काम करते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरे अभियान की कमान संभाले रखी। इस टीम को मुख्यमंत्री के पर्सनल, ऑफिस अकाउंट, गोरखनाथ मंदिर के ट्विटर, फेसबुक और कू पर अकाउंट की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दी गयी है।
टीम के लिये केवल मुख्यमंत्री ही नहीं 'महाराज' भी हैं योगी
टीम के सदस्य ने आगे बताया कि हमारे लिए वे मुख्यमंत्री नहीं, हमारे महाराज जी हैं, जिसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि ट्वीटर पर आधिकारिक @myogioffice अकाउंट पर उनका नाम यह टीम "मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज" ही लिखती है। इस टीम के लिए गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर उनके महाराज जी के अतिरिक्त कोई और प्राथमिकता नहीं है। ये टीम ट्विटर और फेसबुक पर मुख्य अकाउंट @myogiaditynath के साथ-साथ @myogioffice तथा गोरखनाथ मंदिर का @gorakhnathmdr का भी संचालन कर रही है। जिससे मेन एकाउंट को अधिक ट्रैक्शन मिल सके।
सीएम के पर्सनल अकाउंट पर 1 करोड़ 80 लाख फॉलोअर्स
गौरतलब है कि 21 मई 2016 से यह टीम लगातार काम कर वही है। उसी समय से शुरू हुआ यह अकाउंट आज 1 करोड़ 80 लाख से अधिक फॉलोवर्स तक पहुंच गया है और पर्सनल ऑफिस का अकाउंट भी लगभग 60 लाख फॉलोवर्स का हो गया है। टीम के सदस्य का यह भी कहना है कि यह सब पूज्य महाराज जी के आशीर्वाद से ही संभव हो सका है। उनके श्रम और निरंतर जनहित में किए गए कायों का ही परिणाम है।