जाने घर में कहां और किस दिशा में भगवान गणेश की प्रतिमा रखना होगा शुभ? 

हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ करने से पहले भगवान श्री गणेश की आराधना करते है। उन्हें शुभता, बुद्धिदाता, विघ्नहर्ता, सभी देवताओ में श्रेष्ठ और दिशाओं के स्वामी लोकपाल कहा जाता है। गौरी नंदन गणेश सबसे बड़े सहायक माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य के लिए निकलने से पहले उनका आशीर्वाद लेना और मांगलिक कार्यों में पहले उन्हें आमंत्रित करके स्थापित करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं।ज्योतिष और वास्तु के अनुसार गणेश जी की अलग-अलग प्रतिमाएं घर के अलग-अलग स्थान पर स्थापित करने से वास्तु दोष का नाश होता है। इसलिए सनातन परंपरा को मानने वाले हिंदू परिवारों में गणेश प्रतिमा जरूर स्थापित होती है। घर में भगवान गणेश की प्रतिमा किस दिशा में और कहां रखना शुभ होता है, इसकी जानकारी होना बहुत ही अहम है। तो आइये जानते है कि घर में गणेश प्रतिमा कहां रखें और कहां न रखे......
 

हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ करने से पहले भगवान श्री गणेश की आराधना करते है। उन्हें शुभता, बुद्धिदाता, विघ्नहर्ता, सभी देवताओ में श्रेष्ठ और दिशाओं के स्वामी लोकपाल कहा जाता है। गौरी नंदन गणेश सबसे बड़े सहायक माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य के लिए निकलने से पहले उनका आशीर्वाद लेना और मांगलिक कार्यों में पहले उन्हें आमंत्रित करके स्थापित करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं।ज्योतिष और वास्तु के अनुसार गणेश जी की अलग-अलग प्रतिमाएं घर के अलग-अलग स्थान पर स्थापित करने से वास्तु दोष का नाश होता है। इसलिए सनातन परंपरा को मानने वाले हिंदू परिवारों में गणेश प्रतिमा जरूर स्थापित होती है। घर में भगवान गणेश की प्रतिमा किस दिशा में और कहां रखना शुभ होता है, इसकी जानकारी होना बहुत ही अहम है। तो आइये जानते है कि घर में गणेश प्रतिमा कहां रखें और कहां न रखे......

श्री गणेश प्रतिमा स्थापित करने में बरतें ये सावधानी

घर में लोग गणेश प्रतिमा स्थापित तो कर लेते है, लेकिन उन्हें स्थापित करने के लिए सही स्थान की जानकारी न होने से या सही दिशा का पता न होने कई बड़ी चूक हो सकती है। कई बार अनजाने में गलत जगह या वास्तु के अनुसार गलत दिशा में गणेश जी की मूर्ति स्थापित हो जाती है। जिससे शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं। गणेश प्रतिमा के स्थापना को लेकर दिशा का ध्यान होना सबसे महत्वपूर्ण है इसमें सबसे ज्यादा सावधानी रखना चाहिए।

जाने किस दिशा में प्रतिमा रखना होगा शुभ?

गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हुए दिशा का की जानकारी होना भी जरूरी है। इसका ध्यान रखना चाहिए। गणेश जी को विराजमान करने के लिए ब्रह्म स्थान, पूर्व दिशा और उत्तर पूर्व कोण शुभ माना जाता है। गणेश प्रतिमा को दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम कोण यानी नैऋत्य कोण की दिशा में नहीं रखें। ऐसा करना लाभकारी नहीं है। घर या ऑफिस में एक ही जगह पर गणेश जी की दो मूर्ति एक साथ नहीं रखें। वास्तु के अनुसार इससे उर्जा का आपस में टकराव होता है जो अशुभ फल देता है। एक से अधिक गणेश प्रतिमाएं हैं तो उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर ही रखें।

इन स्थानों पर भूलकर भी न लगाएं गणेश प्रतिमा 

हिन्दू धर्म के लोगों के घर के मुख्य द्वार पर अक्सर भगवान गणेश  प्रतिमा लगी हुई होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मुख देखने से सब शुभ ही शुभ होता है। इसी भ्रम में लोग घर के बिल्कुल बाहर दरवाजे के ऊपर गणेश प्रतिमा या चित्र लगा देते हैं, लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं होता है। गणेश जी के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है। उनके पीठ के पीछे दुख और दरिद्रता का वास माना गया है। इसलिए दरवाजे के ठीक ऊपर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा नहीं लगाना चाहिए।

मुख्य द्वार पर लगाएं स्वास्तिक चिन्ह

स्वास्तिक या सतिया सबसे प्राचीन सनातनी मांगलिक चिह्न है। इसे दसों दिशाओं का प्रतीक माना जाता है। घर के प्रवेश द्वार पर इस चिन्ह को भी मुख्य द्वार पर लगाना सबसे मंगलकारी होता है। यह स्वास्तिक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा का गति पथ है। इसलिए इसे दरवाजे के ऊपर या ऐसी स्थिति में आगे की ओर लगाया जा सकता है जहां से आपकी नजर सीधे उस पर पड़े। यह आपके लिए शुभ होगा।