जानिए महादेव क्यों कहलाते हैं बैद्यनाथ, औषधियों से क्यों होता है उनका अभिषेक?
जानिए महादेव क्यों कहलाते हैं बैद्यनाथ, औषधियों से क्यों होता है उनका अभिषेक?
यह सावन मास चल रहा है, भगवान शिव को सावन मास अत्यंत प्रिय होता है। महादेव को वह सभी तत्व, वनस्पतियां अति प्रिय हैं, जिन्हें रोजाना के जीवन में त्याग दिया जाता है। असल में वह सभी वस्तुएं औषधियां हैं, जिन्हें महादेव ही धारण कर सकते हैं।
यह सावन मास चल रहा है, भगवान शिव को सावन मास अत्यंत प्रिय होता है। महादेव को वह सभी तत्व, वनस्पतियां अति प्रिय हैं, जिन्हें रोजाना के जीवन में त्याग दिया जाता है। असल में वह सभी वस्तुएं औषधियां हैं, जिन्हें महादेव ही धारण कर सकते हैं।
बेल के पत्ते, आक के फूल, भांग, धतूरा जैसे फल-पुष्प और पत्तियों से शिवालों में शिवलिंग ढंके रहते हैं। जहां आम तौर पर अन्य देवी-देवताओं को सुंदर पुष्प आकर्षित करते हैं, वहीं शिव बेल के त्रि दल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। आइये जानते है महादेव को चढ़ने वाले इन वनस्पतियों के महत्व के बारे में।
दूधः सम्पूर्ण आहार माना जाता है
महादेव को गाय का शुद्ध कच्चा दूध अति प्रिय है। इसलिए जिन पंच तत्वों से रुद्राभिषेक बताया गया है, उनमें सबसे प्रमुख दूध शामिल है। दूध एक सम्पूर्ण आहार है, इसमें सभी प्रकार का पोषण है. पोषक तत्व किसी से छिपे नहीं हैं इसलिए यह जीवन का आधार भी है।
बेल के पत्तेः शीतलता प्रदान करने वाली वनस्पति
समुद्र मंथन के समय जब महादेव ने विष पान किया तो उसके प्रभाव से उनका शरीर जलने लगा। इसका प्रभाव कम करने के लिए बेल पत्र का रस महादेव को दिया गया और इसकी छाल घिस कर चूर्ण का लेप किया गया। बेल की छाल, चंदन के समान ही शीतल होती है, इसलिए महादेव को प्रिय है.दूसरा तथ्य यह भी है चंदन दुर्लभ और बेल सुलभ है। महादेव की भक्ति कठिन नहीं सरल है।
धतूराः विष नहीं यह अमृत है
कांटेदार फल धतूरा आम तौर पर जहरीला और जंगली माना जाता है, लेकिन यह भी तर्क है कि जहर ही जहर को काटता है। इसका भी इतिहास विषपान की घटना से जुड़ा है। धतूरा अपने अंदर कई अमृत रूपी गुणों को समेटे हुए है। आयुर्वेद में यह पुराने बुखार, जोड़ों के दर्द, विष प्रभाव आदि के कष्ट को हरने वाला कारक बताया गया है।
मदार- कई रोगों का उपचार है मदार का पौधा
महादेव को जो फूल बहुत प्रिय है वह हैं मदार के फूल, सफेद मदार के फूल तो सबसे अधिक प्रिय हैं. यह भी एक औषधीय शीतलक है. इसके अलावा यह आयुर्वेद में जलोदर, पीलिया, हैजा, कालरा और अन्य पेट रोगों का निदान करने वाला है। इसके अनेक औषधीय गुण इसे अमृत जैसा बनाते हैं।
भांगः इसलिए महादेव को है प्रिय
भगवान शिव को भांग अति प्रिय है. लेकिन आम तौर पर लोगों ने इसे नशा या निश्चेतक के तौर पर उनका प्रिय मान लिया है, लेकिन ऐसा नहीं है। भांग एक घास और झाड़ी नुमा पौधा है, इसके रस के औषधीय गुण इसे महादेव का प्रिय बनाते हैं। इसका अधिक सेवन निश्चेतक प्रभाव उत्पन्न करता है. महादेव का वैद्यनाथ स्वरूप इसके औषधीय गुणों की व्याख्या करता है। भांग दमा, खांसी, श्वांस रोग, प्रतिरोधी तंत्र की बीमारियां और दर्द निवारक के रूप में पहचाना जाता है.