गमे हुसैन की अन्तिम शाम, अलम, ताबूत और दुलदुल की हुई ज़िरायत

दो महीने 8 दिन तक चलने वाली गमे हुसैन की अंतिम शाम शिया समुदाय ने अकीदत के साथ गुज़ारी। गुरूवार को शहर भर में पूरे दिन मजलिसों का सिलसिला जारी रहा।
 

दो महीने 8 दिन तक चलने वाली गमे हुसैन की अंतिम शाम शिया समुदाय ने अकीदत के साथ गुज़ारी। गुरूवार को शहर भर में पूरे दिन मजलिसों का सिलसिला जारी रहा।

तेलियानाला में मजलिस का आयोजन हुआ और अलम, दुलदुल, ताबूत की ज़ियारत हुई। मरहूम मिर्ज़ा मुन्ने के निवास पर आयोजित मजलिस में कई अंजुमनों ने नौहाख्वानी और मातम किया।

शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि शुक्रवार 15 अक्टूबर को साठे का जुलूस शब्बीर और सफ़दर के इमामबाड़े से सुबह 8.30 बजे से उठाया जाएगा। जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ और शासन के गाइडलाइन के मुताबित दरगाहे फातमान पहुचेगा। जहाँ अलविदाई मजलिस होगी और ग़मे हुसैन का सिलसिला दुआ के साथ समाप्त किया जाएगा।