छठ पूजा : नहाय खाय के बाद आज खरना, जानिए क्या करते हैं इस दिन
4 दिनों तक चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इसके बाद खरना, फिर सांध्य अर्घ्य और अंत में उषा अर्घ्य देकर पारण करते हैं। 8 नवंबर को नहाय खाय मनाया गया और अब खरना मनाएंगे। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है, इसे लोहंडा भी कहते हैं। आइये जानते हैं क्या होता है खरना।
खरना
1. खरना में महिलाएं नित्यकर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनती हैं और नाक से माथे के मांग तक सिंदूर लगाती हैं।
2. इस दिनभर व्रत रखने के बाद शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद तैयार करती हैं।
3. पूजा के उसी भोजन को खाती है और घर के अन्य सदस्यों को प्रसाद रूप में इसे दिया जाता है। पूजा के लिए मौसमी फलों और सब्जियों का इस्तेमाल होता है।
4. प्रसाद के रूप में गन्ने के रस या गुड़ में बनी खीर चढ़ाई जाती है। इसके अलावा पूड़िया, ठेकुआ, खजूर बनाया जाता है।
5. कई घरों में चावल का पिट्ठा भी बनाया जाता है।
6. लोग उन घरों में जाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिन घरों में पूजा होती है।
7. खरना में दिन भर व्रत के बाद व्रती रात को पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर खाकर उसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करते हैं।
8. खरना एक प्रकार से शुद्धिकरण की प्रकिया है। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 36 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है। खरना के दिन से छठ पूजा समाप्त होने तक व्रत करने वाले लोग चादर बिछाकर सोते हैं।