आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होंगे छह अस्पताल, एक सप्ताह में लग जाएंगे प्लांट
चंदौली। कोरोना काल में जिले के छह अस्पताल आक्सीजन के मामले में जल्द ही आत्मनिर्भर बनेंगे। अस्पतालों में एक सप्ताह के अंदर आक्सीजन प्लांट लगा दिए जाएंगे। इससे पाइपलाइन के जरिए आक्सीजन बेड तक पहुंचेगी। पहल से कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत होगी। वहीं कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला भी थमेगा।
कोरोना काल में अतिपिछड़े जिले में आक्सीजन की घोर किल्लत है। छह प्लांट होने के बावजूद अस्पतालों की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही। इससे कोरोना मरीजों के इलाज में चिकित्सकों को तमाम तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा। ऐसे में जनप्रतिनिधि मदद के लिए आगे आए।
केंद्रीय कौशल विकास मंत्री और सांसद डाक्टर महेंद्रनाथ पांडेय के साथ ही भाजपा विधायकों ने अपनी निधि से प्रशासन को 1.20 करोड़ रुपये दिए थे। सांसद और सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने 40-40 लाख व मुगलसराय विधायक साधना सिंह व चकिया विधायक शारदा प्रसाद ने अपने मद से 20-20 लाख रुपये प्रशासन को दिए। धनराशि मिलने के बाद प्रशासन आक्सीजन प्लांट लगवाने की तैयारी में जुटा है।
मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल, चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी भोगवारा, नौगढ़ और धानापुर में प्लांट लगेंगे। सीडीओ अजितेंद्र नारायण ने बताया कि एक सप्ताह में प्लांट शुरू हो जाएंगे। एक-दो दिनों में मशीनें जिले में पहुंच जाएंगी। वैसे जिले में छह आक्सीजन प्लांट हैं। पांच रामनगर औद्योगिक क्षेत्र और एक पीडीडीयू नगर में है।
इन प्लांट में रोजाना लगभग 4500 सिलेंडर की रिफिलिंग की जा रही है लेकिन जिले की खपत पूरी नहीं हो पा रही है। दरअसल प्लांट संचालक वाराणसी, गाजीपुर समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में अनुबंध के मुताबिक सिलेंडर की आपूर्ति करते हैं। इससे जिले की डिमांड अधूरी है।