जिला प्रशासन ने चिह्नित किए 23,845 अशक्त व दिव्यांग मतदाता, अब तक महज 226 ने पोस्टल बैलेट से मतदान में दिखाई दिलचस्पी
चंदौली। विधानसभा चुनाव में जिले में 23,845 अशक्त व दिव्यांग मतदाता चिह्नित किए गए हैं। इन्हें पोस्टल बैलेट के जरिए घर बैठे मतदान की सुविधा दी जानी है, लेकिन इसमें महज 226 मतदाताओं ने ही दिलचस्पी दिखाई। निर्वाचन कार्यालय की ओर से ऐसे मतदाताओं को मतपत्र से मतदान के लिए फार्म 12डी दिया गया था। 226 ने ही फार्म भरकर लौटाया। फार्म भरकर जमा कराने वाले मतदाताओं के लिए ही पोस्टल बैलेट से मतदान की व्यवस्था कराई जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में 80 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं को भी सरकारी कर्मचारियों की भांति पोस्टल बैलेट के जरिए घर बैठे मतदान की सुविधा देने की योजना बनाई है। आयोग के फरमान के बाद बीएलओ व अन्य माध्यमों से जिला प्रशासन ने 14 हजार 415 अशक्त मतदाताओं को चिह्नित किया है। वहीं दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 9357 है। उन्हें फार्म 12 डी भेजा गया था, लेकिन काफी कम ने फार्म भरकर जमा कराया। 80 साल से अधिक आयु वाले 153 व 73 दिव्यांग और अशक्त मतदाताओं के आवेदन अभी तक प्राप्त हुए हैं।
जानिए, किस विधानसभा में कितने अशक्त मतदाता
मुगलसराय विधानसभा में 80 साल से अधिक आयु वाले 2729 मतदाता चिह्नित किए गए थे। इसमें 69 ने पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए फार्म 12 डी भरकर आवेदन किया। इसकी प्रकार सकलडीहा में 3892 में महज एक, सैयदराजा में 3034 में 37 व चकिया में 4820 में 46 ने आवेदन किया है। मुगलसराय विधानसभा में 1907 दिव्यांग मतदाता चिह्नित किए गए हैं। इसमें 10 ने आवेदन किया। सकलडीहा में 2130 के सापेक्ष दो, सैयदराजा में 2453 के सापेक्ष 26 और चकिया में 2940 के स्थान पर महज 35 ने आवेदन किया है।
सरकारी कर्मियों को भी भेजा फार्म
प्रभारी अधिकारी शशि प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में तैनात 1494 सरकारी कर्मियों ने आवेदन किया है। जिला प्रशासन ने अन्य कर्मियों से भी आवेदन मांगा है। ताकि कोई भी मतदान से वंचित न रहने पाए। प्रशासन की ओर से गैरजनपदों में सरकारी सेवा में तैनात 2403 जनपदवासियों के मतदान के लिए भी 12डी फार्म भेजा है।
दो व तीन मार्च को करेंगे मतदान
आयोग के आदेशानुसार अशक्त मतदाताओं के मतदान के लिए दो व तीन मार्च की तिथि तय की गई है। जिला प्रशासन मतदान को सकुशल संपन्न कराने के लिए मुकम्मल व्यवस्था करेगा। प्रत्याशी चाहें तो मतदान के दौरान अपने एजेंट भी वहां भेज सकते हैं। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी।