नक्सलियों की टोह में जंगल में उतरे जवान, पहाड़ियों व गुफाओं की खाक छानी
चंदौली। जिले में डेढ़ दशक पहले ही नक्सलवाद का सफाया हो चुका है। हालांकि इसको लेकर सतर्कता अभी कम नहीं हुई है। नौगढ़ के सघन पहाड़ी इलाके अभी भी पीएसी के कब्जे में हैं। वहीं पुलिस भी चौकन्ना रहती है। कप्तान अमित कुमार के निर्देश पर शनिवार को जवानों ने नक्सलियों की टोह में जंगल व पहाड़ी इलाकों में कांबिंग की। इस दौरान पहाड़ियों व गुफाओं की खाक छानी। साथ ही ग्रामीणों को नक्सली गतिविधियों के बारे में तत्काल सूचना देने के लिए जागरूक किया।
सीओ श्रुति गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस व पीएसी के जवानों ने जंगल में सघन कांबिंग की। इस दौरान जंगल व पहाड़ियों का भ्रमण कर हालात का जायजा लिया। गुफाओं व जलस्रोतों का अवलोकन किया। साथ ही ग्रामीणों से नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में सूचना देने की अपील की।
सीओ ने कहा, यदि कोई भी संदिग्ध अथवा बाहरी व्यक्ति दिखे तो तत्काल फोनकर पुलिस को सूचित करें। 112 नंबर के साथ ही थाने की पुलिस को भी सूचना दी जा सकती है। पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है। इसलिए निर्भिक व निडर होकर रहें। अवांछनीय तत्वों के बारे में समय से सूचना देंगे तो पुलिस को कार्रवाई करने में सहूलियत होगी। इससे क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहेगी।
उन्होंने कोरोना को लेकर भी लोगों को जागरूक किया। मास्क लगाने और शारीरिक दूरी के पालन के लिए प्रेरित किया। दरअसल, डेढ़ दशक पहले तक जनपद नक्सली हिंसा की चपेट में था। हिनौतघाट कांड की यादें अाज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। नक्सलियों ने पीएसी ट्रक को लैंडमाइन से उड़ा दिया था। इसमें एक दर्जन से अधिक जवानों की मौत हो गई थी। इसके बाद नक्सली जवानों का हथियार लूटकर फरार हो गए थे। शासन की सूची में अभी भी चंदौली नक्सल प्रभावित जिले के रूप में शामिल है। एसओ नौगढ़ रामउजागीर, एसओ चकरघट्टा राजेश सरोज, चौकी इंचार्ज औरवाटाड़ अलख नारायण, चौकी इंचार्ज मझगांवा भैरवनाथ, चौकी इंचार्ज रामनयन यादव समेत पुलिस व पीएसी के जवान शामिल रहे।