विकास कार्यों की रैंकिंग में चंदौली का प्रदेश में 39वां स्थान, उपलब्धि से अधिकारी-कर्मचारी गदगद

अतिपिछड़े जिलों में विकास कार्यों की रफ्तार तेज हो गई है। इसकी वजह से शासन स्तर से विकास कार्यों की रैंकिंग में इस बार सुधार हुआ है। मार्च की रैंकिंग में चंदौली का प्रदेश के 75 जिलों में 39वां स्थान आया है। उपलब्धि से अधिकारी-कर्मचारी गदगद हैं। 
 

चंदौली। अतिपिछड़े जिलों में विकास कार्यों की रफ्तार तेज हो गई है। इसकी वजह से शासन स्तर से विकास कार्यों की रैंकिंग में इस बार सुधार हुआ है। मार्च की रैंकिंग में चंदौली का प्रदेश के 75 जिलों में 39वां स्थान आया है। उपलब्धि से अधिकारी-कर्मचारी गदगद हैं। 

दरअसल, विकास कार्यों के मामले में अतिपिछड़ा जिला फिसड्डी रहा। जनवरी व फरवरी माह में रैंकिंग काफी खराब थी। फरवरी में प्रदेश में 67वां स्थान था। ऐसे में विकास कार्यों को जल्द पूरा कराने का दबाव था। कोरोना काल में भी अधिकारियों की नजर विकास कार्यों पर रही। इसके चलते कार्यदाई संस्थान ने निर्माण कार्य जारी रखा। वहीं रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी काम होता रहा। इसकी बदौलत मार्च में रैंकिंग में सुधार हुआ। एक माह में 28 अंकों की छलांग के साथ जिले की रैंकिंग सुधरकर 39वें स्थान पर पहुंच गई। 

नीति आयोग ने जिले को अतिपिछड़ा घोषित किया है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कृषि, जल संसाधन व मूलभूत सुविधाओं के क्षेत्र में काम कराए जा रहे हैं। इसकी मानीटरिंग भी की जाती है। आयोग को नियमित रिपोर्ट भी आयोग व शासन को भेजी जाती है। शासन विकास कार्यों की प्रगति के आधार पर अपने स्तर से रैंकिंग तय करता है। इसमें जिले ने बाजी मारी है।

मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा में मिले अंक व प्रभारी मंत्री की रिपोर्ट भी रैंकिंग में सुधार का आधार बनी। इससे अधिकारी गदगद हैं। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने उपलब्धि के लिए विभागाध्यक्षों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास की बदौलत रैंकिंग में सुधार हुआ है। इसे बरकरार रखने के लिए लगातार काम करने की जरूरत है।