आर्थिक तंगी से जूझ रहे गांधीजी के निजी चिकित्सक के पोते और उनका परिवार, शासन-प्रशासन से की मदद की अपील

चंदौली। महात्मा गांधी के निजी डॉक्टर राम नारायण दुबे के पोते प्रभात दुबे और उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। रतनपुर-भोजपूर गांव में पत्रकार वार्ता में प्रभात दूबे ने अपने परिवार के साथ बताया की हमारे पूर्वज गांधी जी के साथ मे आंदोलन से लेकर निजी चिकित्सक थे। उन्होंने शासन-प्रशासन ने मदद के लिए अपील की है, और महापुरुषों द्वारा लिखी गई 17 चिट्ठियां जो उनके पास मौजूद हे उन्हें सही स्थान देने की बात कही है।

 

चंदौली। महात्मा गांधी के निजी डॉक्टर राम नारायण दुबे के पोते प्रभात दुबे और उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। रतनपुर-भोजपूर गांव में पत्रकार वार्ता में प्रभात दूबे ने अपने परिवार के साथ बताया की हमारे पूर्वज गांधी जी के साथ मे आंदोलन से लेकर निजी चिकित्सक थे। उन्होंने शासन-प्रशासन ने मदद के लिए अपील की है, और महापुरुषों द्वारा लिखी गई 17 चिट्ठियां जो उनके पास मौजूद हे उन्हें सही स्थान देने की बात कही है।

प्रभात दुबे ने बताया कि उनका परिवार पहले वाराणसी के कालभैरव क्षेत्र में रहता था। अब वे लोग पिछले तीस साल से रतनपुर में रह रहे हैं। प्रभात ने आगे बताया की हमारे पास राष्ट्रीय धरोहर के रुप मे राष्ट्र के बड़े महापुरुष नेताओं के हाथ की लिखी करीब 17 चिट्ठियां उनके पास मौजूद हैं, जिसे हम लोगों ने संभाल कर रखा है। कई बार कुछ लोगों ने इसे खरीदने की कोशिश कि, मगर हमने राष्ट्रीय सम्पत्ती सोच कर बिकने नहीं दिया। उन्होंने बताया की आफ्रिका से कई विश्वविद्यालयों ने से इन चिट्ठियों की मांग की है पर, मैंने नही दिया की देश की धरोहर देश में रहे।

हलांकि हम ने अपने ओर से आईजी, डीएम, एडीएम  समेत प्रशासन के आलाधिकारीयों को इस सम्बन्ध में अवगत कराया है। मगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हमारे दादा जी अपने समय के इतने बड़े थें की गांधी जी उनको बहुत मानते थें। आज हमारी दीनदशा बहूत ही खराब हो गयी है। प्रभात दुबे ने बताया कि वे प्राइवेट गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। खाने तक के लाले हैं, परिस्तिथि इतनी खराब है की घर तक को बेचना पड़ा। 

उन्होंने कहा कि इन चिट्ठियों को राष्ट्रीय संपत्ती में शामिल किया जाए। हमारे उपर सरकार कृपा करे, जिन महापुरुषों की चिट्ठी हैं उनमे महात्मा गांधी, शिमला वेस्ट की राजकुमारी अमृता कौर, ओपी नायर की पत्नी सुशीला नायर, सहित्यकार जैनेन्द्र कुमार, रमंती जेटली, उसके आलावा अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सालय परिषद गांधी स्मारक निधि राजघाट दिल्ली संस्था के सह मंत्री डॉ जे नाग ने दादा जी के स्वर्गवास के बाद मेरे पिता ओम प्रकाश दूबे को चिट्ठी भेजा था।