चमोली की तबाही में चंदौली के पंकज भी लापता, सदमे में परिजन 

उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही ने न जाने कितनी जिंदगियां लील गई। प्रकृतिक आपदा में जिले के केरायगांव निवासी पंकज पांडेय भी लापता हैं। सोमवार की सुबह स्वजनों को इसकी सूचना मिली, इससे परिवार में कोहराम मच गया। अरूणाचल प्रदेश में नौकरी कर रहे उनके छोटे भाई राहुल पांडेय फ्लाइट से चमोली के लिए रवाना हो गए हैं। हालांकि पत्नी शीतल और बूढ़ी मां अभी घटना से बेखबर हैं। 
 

चंदौली। उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही ने न जाने कितनी जिंदगियां लील गई। प्रकृतिक आपदा में जिले के केरायगांव निवासी पंकज पांडेय भी लापता हैं। सोमवार की सुबह स्वजनों को इसकी सूचना मिली, इससे परिवार में कोहराम मच गया। अरूणाचल प्रदेश में नौकरी कर रहे उनके छोटे भाई राहुल पांडेय फ्लाइट से चमोली के लिए रवाना हो गए हैं। हालांकि पत्नी शीतल और बूढ़ी मां अभी घटना से बेखबर हैं। 

पंकज चमोली में तपोवन विष्णु गॉड परियोजना में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी कर रहे थे। एक साल पहले उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी। रविवार की सुबह ग्लेशियर फटने के बाद तबाही में अपनी कंपनी के कर्मचारियों संग लापता हैं। उनके पिता गिरिजाशंकर पांडेय की पहले ही मौत हो चुकी है। छोटे भाई राहुल पांडेय अरूणाचल प्रदेश में नौकरी करते हैं। 

प्रशासनिक अधिकारियों ने छोटे भाई को सूचना दी। वे आननफानन में डिब्रूगढ़ से फ्लाइट पकड़कर चमोली के लिए रवाना हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। पंकज के निवास पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। 

हालांकि अभी तक मां हिमांचला देवी व पत्नी शीतल घटना से अवगत नहीं हैं। पंकज को चार माह का पुत्र है। चार माह पहले पंकज को जब बेटा पैदा हुआ तो घर आए थे। एक माह का समय परिजनों के साथ बिताने के बाद दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में वापस लौटे थे। परिजनों के साथ ही ग्रामीण उनके सकुशल वापसी के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं।