चंदौली : शिक्षक फोनकर बच्चों से पढ़ाई का लेंगे फीडबैक

कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। लगभग एक साल से अधिक समय से स्कूलों में पठन-पाठन की प्रक्रिया अव्यवस्थित हो गई है। लगभग 11 माह बाद मार्च में स्कूलों मे पठन-पाठन के साथ ही कोरोना की दूसरी लहर भी शुरू हो गई। ऐसे में विद्यालयों में पठन-पाठन दोबारा ठप हो गया। वहीं बच्चों के लिए सिर्फ आनलाइन क्लास और घर में पढ़ाई का ही सहारा है। इसको देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों से पढ़ाई के बारे में नियमित फीडबैक लेने की पहल शुरू की है। शिक्षक फोनकर बच्चों के पढ़ाई के बारे में जानकारी लेंगे। वहीं उनके सवाल भी सुलझाएंगे। 
 

चंदौली। कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। लगभग एक साल से अधिक समय से स्कूलों में पठन-पाठन की प्रक्रिया अव्यवस्थित हो गई है। लगभग 11 माह बाद मार्च में स्कूलों मे पठन-पाठन के साथ ही कोरोना की दूसरी लहर भी शुरू हो गई। ऐसे में विद्यालयों में पठन-पाठन दोबारा ठप हो गया। वहीं बच्चों के लिए सिर्फ आनलाइन क्लास और घर में पढ़ाई का ही सहारा है। इसको देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों से पढ़ाई के बारे में नियमित फीडबैक लेने की पहल शुरू की है। शिक्षक फोनकर बच्चों के पढ़ाई के बारे में जानकारी लेंगे। वहीं उनके सवाल भी सुलझाएंगे। 

परिषदीय स्कूलों में आनलाइन क्लास की प्रक्रिया बहुत कारगर नहीं रही है। दरअसल, स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। शासन ने पिछली बार मोहल्ला क्लास चलाने का निर्देश दिया था। हालांकि इस पहल का भी कोई खास लाभ नहीं मिला क्योंकिं गुरुजनों को संक्रमण का भय सता रहा था। इसलिए मोहल्ला क्लास का आयोजन सीमित रहा। हलांकि इस बार शासन शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर हो गया है। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने आनलाइन कक्षाओं के संचालन का निर्देश दिया है। साथ ही प्रत्येक बच्चे को इसका लाभ पहुंचाने पर जोर दिया है। सबसे अहम कि शिक्षक बच्चों को फोनकर पढ़ाई के बारे में फीडबैक लेंगे। साथ ही अभिभावकों से भी बात करेंगे। इसके आधार पर बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा। जिले के 1100 परिषदीय स्कूलों में लगभग ढाई लाख बच्चे पढ़ते हैं। कोरोना काल में उनका भविष्य शिक्षकों की कर्तव्यनिष्ठा पर टिका हुआ है। बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह के कहा, परिषद की गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन कराया जाएगा। जिम्मेदारियों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।