चंदौली : ग्रामीण कृषि मौसम सेवा ठप, पूर्वांचल के 7 जिलों के किसानों को नहीं मिलेगी सूचना 

आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र प्रोजेक्ट को बंद करने का निर्णय लिया है। इससे चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और सोनभद्र समेत पूर्वांचल के सात जिलों के किसानों को मौसम की पल-पल की जानकारी नहीं मिल पाएगी। इससे अन्नदाताओं को बारिश, बिजली गिरने, आंधी-तूफान की पल-पल की जानकारी मिलती थी। इससे किसानों को कृषि कार्य में सहूलियत होती थी। 
 

चंदौली। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र प्रोजेक्ट को बंद करने का निर्णय लिया है। इससे चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और सोनभद्र समेत पूर्वांचल के सात जिलों के किसानों को मौसम की पल-पल की जानकारी नहीं मिल पाएगी। इससे अन्नदाताओं को बारिश, बिजली गिरने, आंधी-तूफान की पल-पल की जानकारी मिलती थी। इससे किसानों को कृषि कार्य में सहूलियत होती थी। 

आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय से संचालित केविके में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र संचालित किया जाता था। यहां वातावरण में होने वाले परिवर्तन और मौसम का हाल जानने के लिए लाखों रुपये कीमत की मशीनें लगाई गई थीं। एक कृषि मौसम विज्ञानी को भी नियुक्त किया गया था। 

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मौसम विज्ञानियों की पूर्व में हुई नियुक्ति प्रक्रिया को रद करते हुए दोबारा नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। फंड न मिलने का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिलहाल प्रोजेक्ट को बंद करने का निर्णय लिया है। 

इसके बाबत विश्वविद्यालय के प्रशासन व परिवीक्षण निदेशक एके सिंह ने कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रभारी को पत्र भेजकर जानकारी दी है। इसकी जानकारी होने से किसान मायूस हैं। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र से हर मंगलवार व शुक्रवार को बुलेटिन जारी किया जाता था। 

इसके अलावा मानसून सीजन अथवा सामान्य दिनों में मौसम के अचानक खराब होने की भी जानकारी मिल जाती थी। इससे किसान मौसम के अनुरूप खेती-बाड़ी की तैयारी करते थे। सेवा बंद होने से उन्हें दिक्कत होगी। 

दोबारा जल्द शुरू होगी सेवा 

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डाक्टर एसपी सिंह ने बताया कि ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र को बंद करने के बाबत विश्वविद्यालय प्रशासन का पत्र प्राप्त हुआ है। हालांकि यह सेवा दोबारा जल्द शुरू की जाएगी। परिसर में लाखों रुपये लागत की मशीनें व अन्य संसाधन लगाए गए हैं।