चंदौली : चल रहा था वन विभाग का फर्जी दफ्तर, जाली पास व अन्य उपकरणों के साथ तीन जालसाज गिरफ्तार  

चंदौली। सैयदराजा क्षेत्र के परेवा गांव में जालसाज वन विभाग का फर्जी दफ्तर संचालित कर रहे थे। यहां ट्रकों के लिए फर्जी अभिवहन पास, ई-चालान आदि बनाने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा था। अलीनगर थाने की पुलिस ने बुधवार की रात इसका भंडाफोड़ किया। बरठी-कमरौर गांव में छापेमारी कर तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर अष्टधातु की एक कीमती शंख, गाड़ियों को पास कराने के लिए वन विभाग के फर्जी पास, लैपटाप, प्रिंटर, माउस, मोबाइल फोन, 6500 रुपये नकदी समेत अन्य उपकरण बरामद किए। 

 

चंदौली। सैयदराजा क्षेत्र के परेवा गांव में जालसाज वन विभाग का फर्जी दफ्तर संचालित कर रहे थे। यहां ट्रकों के लिए फर्जी अभिवहन पास, ई-चालान आदि बनाने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा था। अलीनगर थाने की पुलिस ने बुधवार की रात इसका भंडाफोड़ किया। बरठी-कमरौर गांव में छापेमारी कर तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर अष्टधातु की एक कीमती शंख, गाड़ियों को पास कराने के लिए वन विभाग के फर्जी पास, लैपटाप, प्रिंटर, माउस, मोबाइल फोन, 6500 रुपये नकदी समेत अन्य उपकरण बरामद किए। 

वन दारोगा संजय कुमार ने एक ट्रक चालक को फर्जी अभिवहन पास के साथ पिछले दिनों पकड़ा था। चालक ने पूछताछ में फर्जी दस्तावेज बनाए जाने की बात बताई। इस पर वन दारोगा ने अलीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई। 

वहीं मुखबिरों की सूचना और अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर बुधवार की रात क्षेत्र के बरठी-कमरौर गांव में छापेमारी की। इस दौरान जालसाजों के सरगना बरठी-कमरौर निवासी गुरफान खां, परेवां के पवन गुप्ता और नौबतपुर के इरफान शाह को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की निशानदेही पर पुलिस ने अष्टधातु का कीमती शंख, तीन लैपटाप, तीन की बोर्ड, माउस, प्रिंटर, लेमीनेशन मशीन, फिंगर प्रिंटर स्कैनर, पेन ड्राइव, चिप रीडर, दो डेटा केबल, सात फर्जी डाइविंग लाइसेंस, सात प्रमाण पत्र, 34 ई-चालान, एक सीड्यूल-सी बुक, अभिवहन पासबुक, चार मुहर, दो इंक पैड, चार मोबाइल और फर्जी दस्तावेज से कमाए गए 6500 रुपये बरामद किए। 

पुलिस ने तीनों को थाने ले आकर कड़ाई से पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बताया कि अष्टधातु की बेशकीमती शंख 2019 में मुगलसराय से चुराई थी। उस दौरान इसे बेचने के प्रयास में पकड़ लिए गए थे। वहीं जेल भी जाना पड़ता था। छूटकर आए तो दोबारा यह धंधा शुरू कर दिया। बताया कि बिहार प्रांत से कोयला लादकर आने वाली ट्रकों के लिए वन विभाग का फर्जी अभिवाहन पास बनाते थे। इसे वाट्सएप के जरिए चालकों को भेज देते थे। इसके बदले प्रति पास 300 रुपये मिलते थे। ट्रकों के ई-चालान व रसीद भी स्कैन कर कंप्यूटर में एडिट कर दिन और तिथि बदलकर चालकों को दे देते थे। बुधवार की रात भी पवन गुप्ता की दुकान में बैठकर फर्जी अभिलेख बनाने की साजिश रच रहे थे। गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में एसओ संतोष कुमार सिंह, उपनिरीक्षक रमेश यादव, श्रीकांत पांडेय, बाबू राम यादव, कास्टेबल नीरज सिंह, सुनील सिंह व सुमित सिंह शामिल रहे।