चंदौली : डीएम ने एमसीएच विंग व बीएसएल लैब का किया निरीक्षण, शौचालय में गंदगी पर लगाई फटकार
चंदौली। कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने का विभाग का दावा हवा-हवाई है। जिलाधिकारी संजीव सिंह के निरीक्षण के दौरान एमसीएच विंग व बीएसएल लैब में इसकी बानगी देखने को मिली। शौचालय में गंदगी दिखी। वहीं मरीजों ने चिकित्सकों की ओर से बाहर की दवा लिखी पर्ची दिखाई। इस पर डीएम नाराज दिखे। सीएमएस को सुधार के लिए सख्त हिदायत दी। चेताया कि यदि अस्पताल में सुविधाएं बेहतर नहीं हुईं तो कार्रवाई तय है। डीएम के सख्त रूख से चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों में खलबली मची रही।
जिला अस्पताल परिसर में स्थित एमसीएच विंग में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए बीएसएल लैब स्थापित है।यहां नियमित 200 मरीजों की जांच का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन मानक पूरा नहीं होता। डीएम पहुंचे तो मुस्तफापुर की मरीज फरहज बानो, तनवीर आलम ने चिकित्सकों की ओर से बाहर की दवा के लिए लिखी गई पर्ची दिखाई। बताया कि चिकित्सक बाहर की दवा लिखते हैं। उन्हें मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदनी पड़ती है। अस्पताल के मेडिकल स्टोर अथवा जनऔषधि केंद्र में उक्त दवा नहीं मिलती है। मौके पर मौजूद स्टाफ नर्स माधुरी, सुनीता सिंह व सुषमा कुमारी ने बताया कि अस्पताल में कुछ दवाइयां नहीं मिलने की स्थिति में बाहर की दवा लिखी जाती है। इस पर डीएम ने गहरी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि मरीजों को बाहर की दवा लिखना प्रतिबंधित है। इसको लेकर पहले भी कई बार हिदायत दी जा चुकी है, लेकिन चिकित्सक अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने सीएमएस को आखिरी चेतावनी दी। बोले कि यदि इसके बाद ऐसी शिकायत मिली तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई तय है। अस्पताल के शौचालय में काफी गंदगी देख डीएम विफर पड़े। कहा कि कोरोना काल में अस्पताल में सफाई व्यवस्था बेपटरी होना लापरवाही को दर्शाता है।
अस्पताल में सफाई के साथ ही मरीजों से कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जाए। उन्हें मास्क, सैनिटाइजर, हैंडवाश का समुचित प्रबंध होना चाहिए। मरीजों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगाए गए आरओ को तत्काल दुरूस्त कराया जाए।