गांवों में धुंआधार बिजली कटौती, परेशान ग्रामीणों ने शुरू किया धरना, अफसरों पर लगाया मनमानी का आरोप 

भीषण गर्मी में ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती गंभीर होती जा रही है। गांवों में पांच घंटे भी बिजली मयस्सर नहीं हो रही। इससे आजीज ग्रामीणों ने शुक्रवार से मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।
 

चंदौली। भीषण गर्मी में ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती गंभीर होती जा रही है। गांवों में पांच घंटे भी बिजली मयस्सर नहीं हो रही। इससे आजीज ग्रामीणों ने शुक्रवार से मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। चेताया कि जब तक बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

पुरवा गांव निवासी झन्मेजय सिंह ने कहा कि गांवों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। मुख्यालय, शहरी इलाकों व औद्योगिक क्षेत्रों के साथ अफसरों के बंगलों पर पर्याप्त बिजली मिल रही, लेकिन गांवों में रहने वाले लोगों को पांच घंटे भी बिजली मयस्सर नहीं हो पा रही। इससे गर्मी के दिनों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा। गांवों में चौबीस घंटे में मात्र पांच घंटे ही आपूर्ति हो रही है, जबकि बिजली न होने से गर्मी में पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। वहीं किसानों की आय दोगुना करने का सरकार का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। कांग्रेस नेता मधु राय ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। सूबे के उर्जा मंत्री दावा धरातल पर नहीं दिखाई देता है। सरकार अफसरों पर लगाम लगाने में विफल है। इसके चलते गांवों में लोगों का जीवन दुश्वार हो गया है। सोनू सिंह, राजेश मौर्य, रामाश्रय, ‌बृजेश सिंह, आरपी सिंह, बबलू सिंह, प्रदीप यादव, बलवंत, मुन्नी, श्रीपति, वीरेंद्र सिंह रहे।