आनलाइन पढ़ेंगे आंगनबाड़ी के नन्हे-मुन्ने, बाल पिटारा एप्लिकेशन सिखाएगा कविता और कहानी
चंदौली : आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले नन्हे-मुन्ने अब आनलाइन पढ़ेंगे। इसके लिए बाल विकास व परियोजना विभाग ने बाल पिटारा एप्लिकेशन लांच किया है। एप्लिकेशन बच्चों को कविता, कहानी सिखाएगा। इसे अभिभावकों के मोबाइल में अपलोड किया जाएगा। इसके माध्यम से अपने बच्चों को पढ़ाएंगे। पढ़ाई रोचक होने से बच्चों में रूझान बढ़ेगा।
कोरोना काल में परिषदीय स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक की पढ़ाई आनलाइन हो गई। हालांकि आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले गरीब बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई थी। ऐसे में बाल विकास व परियोजना विभाग ने आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए बाल पिटारा एप्लिकेशन लांच किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इसे अपलोड कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। माता-पिता खाली समय में अपने बच्चों को पढ़ाएंगे। इसमें हिंदी, गणित समेत नैतिक शिक्षा के जुड़े संदर्भों को शामिल किया गया है। विभाग का मानना है कि पहल से बच्चों में रूझान बढ़ेगा। डीपीओ जया त्रिपाठी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के मोबाइल में बाल पिटारा एप्लिकेशन अपलोड कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे आंगनबाड़ी में नामांकन कराने वाले बच्चे भी घर बैठे आनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे।
32 कहानी व 32 कविताएं रहेंगी अपलोड
बाल पिटारा एप्लिकेशन में 32 कहानियां व 32 कविताएं अपलोड रहेंगी। अभिभावक बच्चों को कहानी व कविता याद कराएंगे। नैतिक शिक्षा से जुड़ी कहानियों व कविताओं से नन्हे-मुन्नों की जानकारी बढ़ेगी। वहीं उनका मनोरंजन भी होगा।
एप्लिकेशन सिखाएगा संस्कार
एप्लिकेशन में 384 प्रकार की गतिविधियां अपलोड रहेंगी। सुबह उठकर मुंह धोना, दांत साफ करने, खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने के साथ ही दिनचर्या और शिक्षण कार्य से जुड़ी अच्छी आदतों की जानकारी इसके माध्यम से दी जाएगी। विभाग को पहल कारगर साबित होने की उम्मीद है।