किसान मेला का हुआ समापन, किसानों को काला गेहूं की खेती करने की दी सलाह
चंदौली। मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला का बुधवार को समापन हुआ। इस दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को उन्नत खेती की जानकारी दी। अधिकारियों ने किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में अवगत कराया। काला गेहूं की खेती करने वाले किसानों के पहल की सराहना की गई। दूसरे किसानों को भी परंपरागत की बजाए पशुपालन, कुक्कुट पालन आदि अपनाने की अपील की गई।
मुख्य विकास अधिकारी अजितेंद्र नारायण ने कहा कि जिले में किसान काला गेहूं की खेती कर रहे हैं। इसका उत्पादन अच्छा है। वहीं डिमांड भी अच्छी-खासी है। दूसरे किसान भी इस तरह की खेती को अपनाएं। इससे अधिक लाभ होगी और उनकी माली हालत में सुधार होगा। केवीके प्रभारी व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. एसपी सिंह ने कहा कि खेती के साथ-साथ किसान पशुपालन, मछली पालन, कुकुक्ट पालन, सब्जी उत्पादन एवं बागवानी करके अपनी आय बढ़ा सकते है। किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकते है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के द्वारा यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। इसके बाद मेले में आए किसानों को उर्द, मूँग, चरी एवं सब्जियों के किट वितरित किए गए। काला गेहूं की खेती करने वाले सकलडीहा क्षेत्र के दानूपुर गांव के किसान आनंद कुमार मौर्य ने बताया कि गेहूं की बालियां 6 से 7 इंच लंबी होती हैं। इसका उत्पादन 58 से 60 कुंतल प्रति हेक्टेयर होता है। इसमें आयरन व जिंक की मात्रा 48.5 पीपीएम से अधिक होती है। मेला में करीब जिले से 500-600 प्रगतिशील कृषक एवं महिला कृषकों ने प्रतिभाग किया। वहीं किसानों को जानकारी देने के लिए मेले में विभागों द्वारा कृषि प्रदर्शनी एवं स्टाल लगाये गए थे। जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे, जिला उद्यान अधिकारी अलका श्रीवास्तव, डा. अभयदीप गौतम, मान सिंह रहे।