ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने गांव के तालाब पर कब्जा करने वाले अतिक्रणकारी पर लगाया एक करोड़ जुर्माना, 25 साल से था अवैध कब्जा

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेमप्रकाश मीणा ने चकिया तहसील के मुड़हुआ उत्तरी गांव स्थित सार्वजनिक तालाब पर पिछले पच्चीस साल से कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारी पर एक करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया है। उन्होंने तत्काल क्षतिपूर्ति राशि की वसूली कर अवगत कराने का निर्देश दिया है।
 

चंदौली। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेमप्रकाश मीणा ने चकिया तहसील के मुड़हुआ उत्तरी गांव स्थित सार्वजनिक तालाब पर पिछले पच्चीस साल से कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारी पर एक करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया है। उन्होंने तत्काल क्षतिपूर्ति राशि की वसूली कर अवगत कराने का निर्देश दिया है। अवैध अतिक्रमण के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई से खलबली मची है। 

मुड़हुआ उत्तरी गांव निवासी लल्लन उपाध्याय का गांव के सार्वजनिक तालाब पर कब्जा था। इसके लिए वे मत्स्य पालन के लिए तालाब आवंटित किए जाने का हवाला देते थे। इसी नाम पर 25 साल तक गुमराह किया। मामला न्यायालय में भी पहुंचा, लेकिन पट्टे का दस्तावेज न होने की वजह से अतिक्रमणकारी को मुकदमा वापस लेना पड़ा। मामला ज्वाइंट मजिस्ट्रेट तक पहुंचा तो उन्होंने इसकी पड़ताल कराई। लल्लन उपाध्याय को पट्टे के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, लेकिन वे कोई कागजात नहीं दिखा सके। ऐसे में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सर्किल रेट के हिसाब से 25 साल तक जमीन पर अवैध कब्जा करने पर एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि अतिक्रमणकारी को कभी तालाब का पट्टा नहीं किया गया था। वे सिर्फ बहाना बनाते रहे। इससे ग्राम पंचायत के तालाब का सार्वजनिक उपयोग नहीं हो सका।